80 करोड़ को फ्री राशन बांटने वाला भारत आज भी भुखमरी का शिकार है। भारत जो कि दुनिया का सबसे पुरानी और सबसे बड़ी डेमोक्रेसी है ग्लोबल डेमोक्रेसी रेंकिंग में कहीं नहीं ठहरता। ऐसे ही हालात प्रेस फ्रीडम सहित कम से कम 26 ग्लोबल रैंकिंग के है। शुरुआत में भारत सरकार (मोदी सरकार) इन्हें फर्जी कहकर टालती रही लेकिन अब चर्चा यह समझने की है कि हकीकत कुछ और होने के बावजूद इन रैंकिंग्स में भारत इतना नीचे क्यों है। पिछले साल खबर आई थी कि भारत सरकार अपने रैंकिंग इंडेक्स लॉन्च करेगी लेकिन अब खबर आ रही है कि इन ग्लोबल रैंकिंग में भी अपनी पोजिशन को बेहतर करने के लिए एक प्रोग्राम हाथ में लिया जा रहा है। इस पूरे गड़बड़झाले को एक उदाहरण से समझ सकते हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 123 देशों में भारत 105वें पायदान पर है। आश्चर्य नहीं होता...क्योंकि भारत तो एग्रीकल्चर प्रोडॅक्शन में सरप्लस है, दुनिया का सबसे बड़ा मिल्क प्रोड्यूसर है। तो फिर ऐसा है क्यों। इसका कारण बहुत सादा है। हम हिंदुस्तानियों का ज्यादातर भोजन कार्बोहाइड्रेट यानी अनाज है। हालांकि करीब 80 परसेंट भारतीय मांसाहारी हैं लेकिन वो भी रोजाना दोनों टाइम नॉनवेज नहीं खाते। हम कार्बोहाइड्रेट पर जीते हैं जबकि ग्लोबल हंगर इंडेक्स प्रोटीन की खुराक पर आधारित है। यानी हिंदुस्तानी कितना भी खा लें लेकिन इस इंडेक्स में ऊपर नहीं चढ़ सकते। वहीं बहुत पिछड़े हुए देश को विदेशी मदद पर जी रहे हैं वे इस रैंकिंग में भारत से कहीं ऊपर हैं। इसी तरह लेटेस्ट डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत 41वे पायदान पर है और मॉरिशियस व बोत्सवाना जैसे देश भी भारत से आगे हैं। आपको भरोसा नहीं होगा कि इस इंडेक्स में भारत को ...फ्लॉड डेमोक्रेसी...यानी अधूरा लोकतंत्र है। सरकार की चिंता बस यही है। स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन के राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह ने कहा कि सरकार का टार्गेट गैप्स की पहचान करना, डेटा विसंगतियों को दूर करना और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। इसके लिए भारत 26 ग्लोबल इंडिस के मुकाबले अपनी परफॉर्मेन्स की बेंचमार्किंग करेगा ताकि गैप को पहचाना जा सके। यह ग्लोबल इंडिसेज फॉर रिफॉम्र्स एंड ग्रोथ (जीआईआरजी) प्लेटफॉर्म का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय तुलना के आधार पर पॉलिसी रिफॉर्म को दिशा देना और भारत के स्टैटिस्टिकल और डेटा-रिपोर्टिंग सिस्टम्स को अपग्रेड करना है। इस फ्रेमवर्क के तहत सरकार 4 व्यापक थीम्स—इकॉनमी, डवलपमेंट, गवर्नेंस और इंडस्ट्री के अंतर्गत आने वाले 26 इंडेक्स की ट्रैकिंग करेगी। इन्हें 16 इंटरनेशनल एजेंसी जारी करती है। भारत सरकार ने हर इंडेक्स की मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग में सुधार करने के लिए एक विशिष्ट नोडल मिनिस्ट्री को काम सौंपा है।
