चिलचिलाती धूप, तपन और लू के बीच गर्मी के मौसम में ‘आम’ राहत भरा नाम है। गर्मी के मौसम में दिन हो या रात, लंगड़ा, दसहरी, चौसा... मीठे-मीठे ‘फलों के राजा’ का बोलबाला रहता है। स्वाद से परे, आम में खूब पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। रोजाना एक आम खाने से उदासी दूर होती है। ऐसा आयुर्वेद भी कहता है और न्यूट्रिशनिस्ट भी! आम से मधुमेह नहीं होता और इससे रक्त शर्करा बढऩे का खतरा नहीं होता। अमेरिकन डायबिटिक एसोसिएशन भी मौसम के हिसाब से आम खाने की सलाह देता है। सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने मिथ और फैक्ट्स के बीच का अंतर बताती हैं। उनके मुताबिक गर्मी के मौसम में आम से परहेज नहीं करना चाहिए। जो मिथ है, उसे दरकिनार करना चाहिए। आम से मधुमेह नहीं होता, मोटापा नहीं होता और चेहरे पर दाने भी नहीं निकलते हैं। दिवेकर के मुताबिक, आम खाने से पहले एहतियात बरतनी चाहिए। आम को खाने से पहले कम से कम आधे घंटे के लिए ठंडे पानी में भिगोना चाहिए, जिससे उसकी गर्मी निकल जाती है। स्वाद से भरपूर ‘फलों के राजा’ आम में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनॉल भरपूर मात्रा में होता है। इसमें विटामिन ए, सी, ई, कॉपर, फोलेट, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक भी पाए जाते हैं। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, आम की जीआई वैल्यू 51 + 5 के बीच होती है और 55 से कम इंडेक्स वाले फलों को मधुमेह के मरीजों के लिए सुरक्षित माना जाता है। जानकारी के अनुसार आम में प्रोटीन नहीं पाया जाता है, इसलिए यह शरीर में शुगर को तेजी से बढऩे से रोकता है। आम को बादाम के साथ खाना फायदेमंद होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि आम में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। रोजाना आम खाने से आंत के बैक्टीरिया नियंत्रण में रहते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।