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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-08-2025

छोटी इलायची : तेजी का अनुमान नहीं

  •  केरल में पिछले कुछ दिनों से मौसम साफ बना हुआ है। इसकी वजह से व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होने के आसार हैं। इस बार छोटी इलायची की नई फसल अच्छी आने लेकिन इसकी आवक शुरू होने में देरी होने का अनुमान व्यक्त है। आगामी दिनों में हाजिर में छोटी इलायची में तेजी का अनुमान नहीं है। पिछले कुछ दिनों से केरल में मौसम साफ बना हुआ है। दिन में अच्छी धूप खिलती है जबकि रात में वर्षा होती है। मौसम के इस नवीनतम बदलाव से छोटी इलायची समेत अन्य जिंसों में व्यापारिक गतिविधियां बढऩे के आसार हैं। आने वाली फसल इस बार अच्छी आने की सूचनाएं भी आ रही हैं। हालांकि फसल का श्रीगणेश सामान्य की तुलना में कुछ देरी होने से सूचना मिल रही है। बाजार के अनुमानों के अनुसार छोटी इलायची की नई फसल आगामी अगस्त महीने के पहले पखवाड़े के अंत या दूसरे पखवाड़े में शुरू हो सकती है। बहरहाल, छोटी इलायची की वर्तमान फसल करीब-करीब समाप्त हो गई है। अत: इसकी नीलामियों में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक में उतार-चढ़ाव का रुख बना हुआ है। हालांकि पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय हुई ईदुक्की महिला काडमम प्रॉड्यूसर कम्पनी लिमिटेन नीलामी में छोटी इलायची की आवक बढक़र 53,910 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से ऊंची होने और लिवाली भी कमजोर पडऩे से इसकी औसत नीलामी कीमत टूटकर 2592.95 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व 28 जुलाई को हुई इस नीलामी में इसकी 42,735 किलोग्राम की आवक हुई थी तथा इसकी औसत नीलामी कीमत 2790.98 रुपए प्रति किलोग्राम रही थी। चालू सीजन के दौरान मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की चर्चाएं चल रही थी। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन बढऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम हाल ही में 100 रुपए तेज होकर फिलहाल 2600/2700 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व हाल ही में इसमें 50 रुपए की मंदी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के आरंभिक दो महीनों में देश से 215.46 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 3661.78 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 3296.32 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 144.74 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची में तेजी का अनुमान नहीं है।

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छोटी इलायची : तेजी का अनुमान नहीं

 केरल में पिछले कुछ दिनों से मौसम साफ बना हुआ है। इसकी वजह से व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होने के आसार हैं। इस बार छोटी इलायची की नई फसल अच्छी आने लेकिन इसकी आवक शुरू होने में देरी होने का अनुमान व्यक्त है। आगामी दिनों में हाजिर में छोटी इलायची में तेजी का अनुमान नहीं है। पिछले कुछ दिनों से केरल में मौसम साफ बना हुआ है। दिन में अच्छी धूप खिलती है जबकि रात में वर्षा होती है। मौसम के इस नवीनतम बदलाव से छोटी इलायची समेत अन्य जिंसों में व्यापारिक गतिविधियां बढऩे के आसार हैं। आने वाली फसल इस बार अच्छी आने की सूचनाएं भी आ रही हैं। हालांकि फसल का श्रीगणेश सामान्य की तुलना में कुछ देरी होने से सूचना मिल रही है। बाजार के अनुमानों के अनुसार छोटी इलायची की नई फसल आगामी अगस्त महीने के पहले पखवाड़े के अंत या दूसरे पखवाड़े में शुरू हो सकती है। बहरहाल, छोटी इलायची की वर्तमान फसल करीब-करीब समाप्त हो गई है। अत: इसकी नीलामियों में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक में उतार-चढ़ाव का रुख बना हुआ है। हालांकि पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय हुई ईदुक्की महिला काडमम प्रॉड्यूसर कम्पनी लिमिटेन नीलामी में छोटी इलायची की आवक बढक़र 53,910 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से ऊंची होने और लिवाली भी कमजोर पडऩे से इसकी औसत नीलामी कीमत टूटकर 2592.95 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व 28 जुलाई को हुई इस नीलामी में इसकी 42,735 किलोग्राम की आवक हुई थी तथा इसकी औसत नीलामी कीमत 2790.98 रुपए प्रति किलोग्राम रही थी। चालू सीजन के दौरान मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की चर्चाएं चल रही थी। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन बढऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम हाल ही में 100 रुपए तेज होकर फिलहाल 2600/2700 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व हाल ही में इसमें 50 रुपए की मंदी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के आरंभिक दो महीनों में देश से 215.46 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 3661.78 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 3296.32 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 144.74 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची में तेजी का अनुमान नहीं है।


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