गत सप्ताह लंदन मैटल एक्सचेंज में अधिकतर अलौह धातुओं में बिकवाली का रूख बना रहा क्योंकि खाड़ी के देशों में युद्घ से समुद्री मार्ग बाधित रहे। इसके प्रभाव से यहां भी हाजिर माल की कमी के बावजूद भी टिन इंगट, निकिल, सीसा नरम हो गये। कॉपर भी मजबूती के बाद सप्ताहंत में लुढक़ गया। इधर एल्युमीनियम में पहले बिके मालों की डिलीवरी से मजबूती दर्ज की गयी। अन्य में स्थिरता रही। आलोच्य सप्ताह लंदन मैटल एक्सचेंज में छोटे-बड़े सटोरियों की चौतरफा बिकवाली बनने से टिन, निकिल, कॉपर एवं सीसे के भाव नीचे आ गये। भारतीय बंदरगाहों पर पड़े हुए माल भी फिनिश्ड गुड की बिक्री कमजोर पडऩे से आयातकों ने घटाकर व्यापार किया। फलत: जाम नगर, आगरा, कानपुर एवं जगाधरी सहित सभी मंडियों में व्यापार कमजोर रहा। इसके प्रभाव से स्थानीय अलौहधातु बाजार में भी 15 रुपए घटकर इंडोनेशिया का टिन इंगट 2810 रुपए प्रतिकिलो जीएसटी अतिरिक्त रह गया। निकिल भी माल कम आने के बावजूद ग्राहकी कमजोर होने से 5 रुपए घटकर रशियन 1325/1335 रुपए पर आ गया। सीसा भी सरकारी व गैर सरकारी स्क्रैप का दाबाव बढऩे एवं मांग कमजोर होने से 3 रुपए घटकर कैश में मुलायम माल 199 रुपए एवं बिल से 181 रुपए प्रति किलो पर आ गया। 4 प्रतिशत एंटीमनी वाला माल भी इसी अनुपात में घटकर 200 रुपए बिल से बिक गया। कॉपर 2 रुपए बढक़र आरमेचर प्लांट का 809 रुपए ऊपर में बिकने के बाद पुन: घटकर 807 रुपए रह गया। इसके प्रभाव से भट्टïी का आरमेचर एवं सीसी रॉड भी 2/3 रुपए नीचे आ गये। दूसरी ओर एल्युमीनियम में घटे भाव पर खपत वाले उद्योगों की मांग निकलने से एक रुपए बढक़र सीजी इंगट 248 रुपए प्रति किलो हो गया। बर्तन भी 205 रुपए पर एक रुपए तेज बोला गया। वॉयर एवं शीट कटिंग में भी 3 रुपए की बढ़त पर क्रमश: 234 एवं 229 रुपए का व्यापार सुना गया। जिस कारण रॉड के भाव भी कंपनियों ने 3 रुपए बढ़ाकर 263 रुपए कर दिये। अन्य में स्थिरता रही।