सप्लाई कमजोर होने तथा मांग बढऩे से गत सप्ताह के दौरान स्थानीय बाजार में अधिकांश खाद्य तेलों के भाव 100/300 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गये। जबकि मांग कमजोर होने से सोया एसिड ऑयल की कीमतों में 150 रुपए क्विंटल की गिरावट रही। देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 4.50 से घटकर 4 लाख बोरी के लगभग की रह जाने तथा तेल मिलों की मांग कमजोर होने से सरसों के भाव निचले स्तर से 100 रुपए बढक़र 6500/6550 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। जयपुर मंडी में इसके भाव 6750 रुपए तथा आगरा में 7350 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। सरसों में तेजी का रुख होने तथा हरियाणा, राजस्थान की बिकवाली घटने से सरसों तेल भी निचले स्तर से 300 रुपए बढक़र 14100 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। आपूर्ति कमजोर होने तथा रिफाइंड वालों की मांग बढऩे से राइसब्रान ऑयल के भाव 150 रुपए बढक़र 10400 रुपए तथा बिनौला तेल के भाव 250 रुपए बढक़र 12050 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। आपूर्ति कमजोर होने से तिल तेल के भाव 200 रुपए बढक़र 14300 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। इजराइल व ईरान में युद्ध छिड़ जाने के कारण खाद्य तेलों की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका के कारण आयातकों की बिकवाली कमजोर होने से कांदला में सोया रिफाइंड के भाव 250 रुपए बढक़र 11500 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। पाम तेल में 300 रुपए बढक़र 11500 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। यहां पर भी बिकवाली कमजोर होने से इसके भाव 200/300 रुपए बढक़र 12500 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। आयातकों की बिकवाली कमजोर होने से कांदला में सीपीओ के भाव 100 रुपए बढक़र 9250 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। सटोरिया लिवाली बढऩे से केएलसी में सीपीओ वायदा जुलाई व अगस्त डिलीवरी में तेजी का रुख रहा। साबुन निर्माताओं की मांग कमजोर होने से सोया एसिड ऑयल के भाव 150 रुपए घटकर 6900/6950 रुपए तथा राइस फैट्ïटी के भाव 50 रुपए घटकर 9200/9250 रुपए प्रति क्विंटल रह गये। जबकि आपूर्ति कमजोर होने तथा पेंट निर्माताओं की मांग निकलने से अरंडी तेल के भाव 200 रुपए बढक़र 13500/13600 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।