गत सप्ताह गेहूं की शार्टेज बनने से 225/230 रुपए प्रति क्विंटल थोक में उछाल आ गया। आटा, मैदा, सूजी के भाव भी ऊपर में 100 रुपए प्रति 50 किलो तक महंगे हो गये। दालों में मिश्रित रुख रहा, लेकिन राजमां चित्रा चौतरफा स्टॉकिस्टों की लिवाली से 4/5 रुपए महंगा हो गया। मटर भी शुल्क मुक्त आयात आगे एक्सटेंड न होने की संभावना से 5 रुपए किलो और बढ़ गया। जबकि मूंग, उड़द, तुवर, चना पूरे सप्ताह ऊपर-नीचे होकर पूर्वस्तर तक आ गये। आलोच्य सप्ताह महाकुंभ हेतु प्रयागराज में आटा, मैदा, सूजी की जबरदस्त मांग रही। जिससे यूपी की मिलों में गेहूं उत्पाद शार्टेज में आते ही गेहूं की प्रतिस्पर्धात्मक रोलर फ्लोर मिलों की लिवाली बढ़ गई। फलत: गेहूं के भाव 200/250 रुपए अलग-अलग मिलों ने बढ़ाकर खरीद किये इसके प्रभाव से यहां भी यूपी से गेहूं की आपूर्ति घटने एवं साप्ताहिक टेंडर 2900/2950 रुपए प्रति क्विंटल महंगे होने से यहां मिल क्वालिटी गेहूं के भाव 225/230 रुपए बढक़र 3350/3360 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। मैदा, सूजी भी 100 रुपए के करीब बढक़र 1920/1930 रुपए प्रति 50 किलो हो गये। आटा भी 1775 रुपए की ऊंचाई पर जा पहुंचा। सप्ताह के अंतिम दिन सरकार द्वारा और गेहूं की क्वांटिटी खुले बाजार में बढ़ा दी गयी जिससे 100 रुपए टूट गये। मक्की, बाजरे में मंदे का रूख बना रहा क्योंकि एथनोल कम्पनियों को सरकार द्वारा 2250 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में चावल की बिक्री की जा रही है। बाजरा 2425/2450 रुपए और मक्की 2450/2500 रुपए गोदाम से उठ्ठïू यहां बोले गये। इधर राजमां चित्रा इंडियन ब्राजील का स्टॉकिस्टों की चौरतफा लिवाली चलने से 9800/9900 रुपए से बढक़र 10300/10400 रुपए प्रति क्विंटल कच्चा माल बिक गया। भूटानी वरूण माल भी 8000 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गया, जो पिछले महीने नीचे में 6000 रुपए देख आया था। इधर मटर विगत डेढ़ वर्षों से मंदे के दलदल के बाद भारतीय बंदरगाहों पर पिछले महीने 3100/3200 रुपए बनने के बाद 4000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। गत सप्ताह इसमें 500 रुपए की तेजी दर्ज की गई। यहां भी छनी हुई मटर 4500/4700 रुपए काऊन्टर सेल में बिकने लगी है। इसके अलावा मूंग, उड़द, तुवर, मसूर, चना पूरे सप्ताह 100/200 रुपए ऊपर-नीचे होने के बाद सप्ताहंत में पूर्वस्तर पर सुस्ती लिये बन्द हुये।