जेएसडब्ल्यू सीमेंट लि. का 3600 करोड़ रुपए का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 7 अगस्त को ओपन हो चुका है जिसके तहत आईपीओ प्राइस-बेंड 139-147 रुपए रखा गया है। कमजोर कैपेसिटी युटिलाइजेशन व एवरेज से कम रियलाइजेशन के बाद आज चर्चा कंपनी के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी की सेल्स वॉल्यूम ग्रोथ जहां फ्लैट रही वहीं सीमेंट कीमतों में गिरावट के कारण कंपनी की रेवेन्यू 4% घटकर 5813 करोड़ रुपए दर्ज की गई। नेगेटिव ऑपरेटिंग लीवरेज के कारण इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 21' घटकर 864 करोड़ रुपए रहा जिसके आधार पर ऑपरेटिंग मार्जिन 15% आता है। कंपनी का प्रति टन ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी इस दौरान 22' घटकर 684 रुपए ही रह गया जबकि नेट लेवल पर कंपनी ने 2024-25 में 164 करोड़ रुपए का घाटा रिपोर्ट किया है। आईपीओ से जुटाए गए फंड्स में से कंपनी 520 करोड़ रुपए का यूज डेब्ट रीपेमेंट के लिए करेगी जिसके बाद भी 5500 करोड़ रुपए की इक्विटी कैपिटल पर कंपनी की बैलेंसशीट में 3500 करोड़ रुपए का नेट डेब्ट बकाया रहेगा जिसके आधार पर Net Debt To Equity Ratio 0.64 गुना का व Net Debt To EbitDA Ratio 4 गुना का आता है। आईपीओ फंड्स के जरिए डेब्ट रीपेमेंट के बावजूद उक्त मेट्रिक्स से इंडिकेशन मिलता है कि आगे चलकर कंपनी पर Debt-Servicing का प्रेशर बना रहेगा क्योंकि कंपीटिशन में बने रहने के लिए कंपनी को कैपेक्स की आवश्यकता रहेगी। शेयर बाजारों में आम तौर पर देखा गया है कि हाई डेब्ट वाली कंपनियां इंवेस्टरों को कमजोर या नेगेटिव रिटर्न देती आई हैं। डेब्ट रीपेमेंट को लेकर किसी प्रकार की स्ट्रेटेजी डिस्क्लोज नहीं किए जाने चलते भी जेएसडब्ल्यू सीमेंट लि. की बैलेंसशीट में हाई डेब्ट होना इंवेस्टरों के लिहाज से कंपनी के आईपीओ के संबंध में एक प्रमुख नेगेटिव फेक्टर है।