अगर अमीर होना ही हर समस्या का हल होता तो जो वास्तव में अमीर है उनके पास जीवन का हर सुख हासिल करने की पॉवर रहती लेकिन ऐसा इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि अमीरी को समझने-समझाने के कई तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं जिनमें से सबसे बेहतर कौनसा है यह जवाब आजतक कोई नहीं ढूंढ पाया है। लोग धन से, मन से, व्यवहार से, संबंधों से, रिश्तों से, आदतों से, नॉलेज से, स्किल से और कई तरह से अमीर माने जाते हैं जिन्हें दूसरे लोग अपनी-अपनी समझ के हिसाब से देखते हैं लेकिन जो लोग धन से अमीर माने जाते है उनमें से कई लोग आजकल अजीब से परिवेश से घिरते जा रहे हंै। एक मशहूर कहावत है ‘Rich in Valuation, Poor in Cash’ यानि किसी की सम्पत्ति की बाजार में कीमतों के हिसाब से जो वेल्यू निकल कर आती है उसके हिसाब से तो वह अमीर कहा जा सकता है लेकिन उस व्यक्ति के पास जमा Cash या उधार घटाने के बाद तुरंत कैश करने लायक सम्पत्ति की वेल्यू कितनी है, इस फार्मूले से वह अमीर होकर भी गरीबी की स्थिति में आ जाता है। इस स्थिति में रहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है क्योंकि वेल्यूएशन के जिस खेल को पिछले कुछ सालों से कारोबारों व स्टार्टअप के साथ घर-घर में खेलने का मजा लूटा जा रहा है उसने बच्चे-बच्चे की जुबान पर Net Worth, Valuation, Assets जैसे शब्द मशहूर कर दिए है यानि अन्य तरीको से अमीर बनना भले ही बाकी हो पर धन से अमीर बनना नई जेनरेशन की पहली प्राथमिकता बनने लगा है। कई लोग जो अमीरों की दुनिया का पहली बार हिस्सा बन रहे है उनके लिए इस स्थिति व फीलिंग को मैनेज करना चुनौती बन रहा है जहां प्रोपर्टी की वेल्यूएशन तो अमीरी की खुशी देती है पर अमीरी को मेंटेन करने के लिए बढ़ते खर्चों की चिंता पीछा नहीं छोड़ती। अमीरों की कैटेगरी का हिस्सा बनने के लिए भी सही तैयारी व सोच का होना जरूरी माना जाता है क्योंकि अमीरी के साथ-साथ चलने वाली स्थितियों को मैनेज करने के चक्कर में कई लोग अमीर होकर भी गरीबी के अहसास से बाहर नहीं निकल पाते क्योंकि वे लगातार कैश फ्लो बनाए रखने की ताकत डवलप नहीं कर पाते।
एक फाइनेंशियल प्लानर ने बताया कि लोगों के लिए वेल्यूएशन की गिनती करते रहने से ज्यादा जरूरी जीवन की सच्चाईयों का सामना करने की तैयारी करना होता है क्योंकि वेल्यूएशन किसी की भी वास्तविकता का प्रतीक नहीं है इसलिए ऊंची वेल्यूएशन वालों के सफलता के उदाहरण भी ज्यादा प्रेरणादायक नहीं कहे जा सकते। अमीर हर कोई बनना चाहता है जिसमें कुछ गलत नहीं है पर अमीर बनने के जितने शॉर्ट कट तरीके पिछले कुछ सालों में मशहूर हुए है उन्होंने भले ही लोगों को अमीर बनाया हो पर ऐसे ज्यादातर लोग भारी रिस्क व कभी न खत्म होने वाली चिंता से घिरे रहने लगे है जो पहले बन चुके अमीरों में कम देखा जाता था। लोग शायद जानते हुए भी इसे अनदेखा करना शान की बात समझने लगे है कि Self Control के मामले में इंसान की स्थिति अच्छी नहीं है। Self Control को भुलाते हुए लोगों में खर्च, इंवेस्टमेंट, सट्टेबाजी, रिस्क, तुलना करते हुए बड़े-बड़े व अपनी क्षमता से बाहर जाकर दांव लगाने की हिम्मत पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। अमीरी में जीने का अनुभव और अहसास खरीदना आजकल कोई मुश्किल काम नहीं रहा लेकिन इन अहसासों व अनुभवों के पीछे छुपी गरीबी बार-बार दस्तक देकर अपने होने का सबूत तरह-तरह से देती रहती है जिसे ज्यादा दिनों तक दबाए रखना उसे और ताकतवर बनाता जाता है। वैसे तो शुरुआत में अमीर बनने का ही एकमात्र लक्ष्य लेकर सभी कामकाज की दुनिया में उतरते है लेकिन अमीरी की परिभाषा अब कई मायनों में बदल चुकी है जो दिखाने के लिए अलग है व जीने की अलग इसलिए अमीरी की दुनिया की सच्चाईयों पर नजर रखना कई प्रकार से लाइफस्टाइल को मैनेज करने के लिए फायदेमंद कहा जा सकता है।