बैंकिंग प्रणाली के ग्रोस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (जीएनपीए) मार्च, 2025 में घटकर कई दशक के निचले स्तर 2.3 प्रतिशत पर आ गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सितंबर 2024 में बैंकों का जीएनपीए 2.6 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक की अर्ध-वार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि 46 बैंकों के जीएनपीए मार्च, 2027 तक बढक़र 2.6 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। यहां उल्लेखनीय है कि पिछले दशक के उत्तरार्ध में बैंकिंग प्रणाली के लिए डूबा कर्ज सबसे बड़ी चुनौती रहा है। हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान मुख्य अनुपात के स्तर पर प्रणाली में लगातार सुधार हो रहा है।