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27-09-2025

AI, मशीन लर्निंग प्रोग्राम्स में फीमेल पार्टिसिपेशन 4 गुना बढ़ा

  •  प्रौद्योगिकी शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 2022 में चार प्रतिशत से बढक़र 2025 में 17 प्रतिशत हो गया है। यूजीसी शिक्षा मंच कॉलेज विद्या की रिपोर्ट में कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस  (एआई), त्वरित इंजीनियरिंग, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स और डेटा विज्ञान जैसे गहन प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक तेजी से बढ़ी। रिपोर्ट में कहा गया कि यह बदलाव एआई और मशीन लर्निंग कार्यक्रमों में सबसे अधिक दिखाई देता है, जहां महिलाओं की भागीदारी एक वर्ष में चार गुना बढक़र 2025 में 20 प्रतिशत हो गई, जो 2024 में  केवल पांच प्रतिशत थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आज, एआई और एमएल मास्टर कार्यक्रम में हर पांच छात्रों में से एक महिला है, जबकि गत वर्ष यह संख्या 20 में से केवल एक थी। गत दो वर्ष में एआई कार्यक्रमों की समग्र मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और महिलाएं विकास के इस चरण में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर रही हैं। इसमें कहा गया कि अब एमसीए साइबर सुरक्षा के छात्रों में एक-चौथाई महिलाएं हैं तथा जनरेटिव यानी सृजन से जुड़े कृत्रिम मेधा में डॉक्टरेट उम्मीदवारों में 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। कॉलेज विद्या के सीओओ रोहित गुप्ता ने कहा कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कैसे सांस्कृतिक दृष्टिकोण, ऑनलाइन शिक्षण मॉडल महिलाओं के लिए उन क्षेत्रों में रास्ते खोल रहे हैं जो भारत के प्रौद्योगिक भविष्य को परिभाषित करेंगे।

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AI, मशीन लर्निंग प्रोग्राम्स में फीमेल पार्टिसिपेशन 4 गुना बढ़ा

 प्रौद्योगिकी शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 2022 में चार प्रतिशत से बढक़र 2025 में 17 प्रतिशत हो गया है। यूजीसी शिक्षा मंच कॉलेज विद्या की रिपोर्ट में कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस  (एआई), त्वरित इंजीनियरिंग, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स और डेटा विज्ञान जैसे गहन प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक तेजी से बढ़ी। रिपोर्ट में कहा गया कि यह बदलाव एआई और मशीन लर्निंग कार्यक्रमों में सबसे अधिक दिखाई देता है, जहां महिलाओं की भागीदारी एक वर्ष में चार गुना बढक़र 2025 में 20 प्रतिशत हो गई, जो 2024 में  केवल पांच प्रतिशत थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आज, एआई और एमएल मास्टर कार्यक्रम में हर पांच छात्रों में से एक महिला है, जबकि गत वर्ष यह संख्या 20 में से केवल एक थी। गत दो वर्ष में एआई कार्यक्रमों की समग्र मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और महिलाएं विकास के इस चरण में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर रही हैं। इसमें कहा गया कि अब एमसीए साइबर सुरक्षा के छात्रों में एक-चौथाई महिलाएं हैं तथा जनरेटिव यानी सृजन से जुड़े कृत्रिम मेधा में डॉक्टरेट उम्मीदवारों में 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। कॉलेज विद्या के सीओओ रोहित गुप्ता ने कहा कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कैसे सांस्कृतिक दृष्टिकोण, ऑनलाइन शिक्षण मॉडल महिलाओं के लिए उन क्षेत्रों में रास्ते खोल रहे हैं जो भारत के प्रौद्योगिक भविष्य को परिभाषित करेंगे।


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