भारत का ऑनलाइन डोमेस्टिक सर्विस मार्केट 18-22 प्रतिशत की एन्युअल रेट से बढक़र वित्त वर्ष 2029-30 तक 85-88 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि इस बाजार को सुविधा, विश्वसनीयता और गति की बढ़ती शहरी मांग से समर्थन मिल रहा है। परामर्श फर्म रेडसीर ने कहा कि क्विक कॉमर्स को व्यापक रूप से अपनाने के बाद, तत्काल घरेलू सेवा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में अगले क्षेत्र के रूप में उभर रही है। समय की कमी से जूझ रहे शहरी उपभोक्ताओं के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है। भारत का समग्र घरेलू सेवा बाजार वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 5,100-5,210 अरब रुपये था। अभी भी इस क्षेत्र में असंगठित क्षेत्र का प्रभुत्व है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्काल घरेलू सेवा एक मांग आधारित घरेलू सहायता प्रणाली की तरह काम करती है, जो असंगठित घरेलू सहायकों और सेवा मंचों के बीच की खाई को पाटती है। इसमें आगे कहा गया कि भारत के घरेलू सेवा क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024-25 तक ऑनलाइन सेगमेंट कुल कारोबार का एक प्रतिशत से भी कम था। हालांकि, अब ऑनलाइन सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है और इसके 18-22 प्रतिशत की अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2029-30 तक 88 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।