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15-08-2025

देसी चने में केवल ग्राहकी का मंदा, धैर्य रखने पर फिर लाभ मिलना संभव

  •  देसी चना लॉरेंस रोड पर ऊपर के भाव से 200 रुपए प्रति क्विंटल नीचे जरूर आ गया है, लेकिन आज की तारीख में किसी भी उत्पादक मंडियों से पड़ता नहीं है, यह मंदा केवल ग्राहकी नहीं होने का है। अत: इस महीने के उत्तरार्ध में ग्राहक ही निकलते ही बाजार 6500 रुपए पुन: पर कर जाएगा, ऐसी संभावनाएं नजर आ रही है। यद्यपि व्यापारी वर्ग का स्वभाव है कि मंदे में मंदा एवं तेजी में तेजी दिखाई देता है तथापि वास्तविक लॉजिक देखा जाए तो देसी चने में वर्तमान का मंदा टेंपरेरी है। गौरतलब है कि किसी भी राजस्थान महाराष्ट्र कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश की मंडियों से आज की तारीख में दिल्ली देसी चना मंगाने पर 6450/6475 रुपए से कम का पड़ता नहीं है तथा जो चना दिल्ली सहित कहीं से आ रहा है, उसकी क्वालिटी भी अनुकूल नहीं है। हम मानते हैं कि चने के दाल की बिक्री, मटर सस्ती बिकने से बेपड़ते में हो रही है, इन सब के बावजूद भी वर्तमान में देसी चने के भाव नीचे वाले लग रहे हैं। फिलहाल अगले दो-तीन दिनों तक छुट्टियों के चलते ग्राहकी का सन्नाटा रहने पर 50/75 रुपए का और मंदा आ सकता है, लेकिन इस मंदे में बेचने की बजाय माल को खरीदना लाभदायक रहेगा। कुछ कारोबारी जिनके पास देसी चने का स्टॉक नहीं है या जिन्हें टेंडर में सप्लाई देना है, वो लोग ऑस्ट्रेलिया का सस्ता चना का हवा उड़ा कर बाजार को तोडऩे की फिराक में लगे हुए हैं, लेकिन यह बात भूल रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया का चना अक्टूबर उत्तरार्ध में शिपमेंट होकर नवंबर दिसंबर में ही आएगा। इस बार देसी चने के भाव पहले ही नीचे हैं, इसलिए वहां ऊंचे पड़ते से इसमें घटने की गुंजाइश नहीं है तथा 15 नवंबर से पहले देसी चना जबरदस्त शॉर्टेज में आ जाएगा, इस वजह से दिवाली पर ही 7000 रुपए प्रति क्विंटल बिक जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। अत: जो राजस्थानी चना आज 6250 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर बोलने लगे हैं, इसमें जो भी घट रहा है, वह नाजायज है। चने की दाल 7050/7100 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है, यह भी 150 रुपए बेपड़ते में ग्राहकी नहीं होने के भाव हैं। अत: कारोबारी वर्ग के पास जो भी देसी चना है, उसमें घबराने की बिलकुल जरुरत नहीं है। कोई भी चना, कहीं से 15 नवंबर से पहले मंदा नहीं आ पाएगा तथा देसी चना आने वाले समय में 7000 रुपए को टच करेगा, ऐसी संभावना है। घरेलू फसल आने में अभी 7 महीने से अधिक का समय बाकी है तथा देसी माल का स्टॉक किसी भी मंडी में प्रोसेसिंग के अनुरूप नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में भी देसी चने की फसल प्रतिकूल मौसम से बहुत बढिय़ा नहीं है, इन परिस्थितियों में देसी चने की जड़ में मंदा नहीं है।

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देसी चने में केवल ग्राहकी का मंदा, धैर्य रखने पर फिर लाभ मिलना संभव

 देसी चना लॉरेंस रोड पर ऊपर के भाव से 200 रुपए प्रति क्विंटल नीचे जरूर आ गया है, लेकिन आज की तारीख में किसी भी उत्पादक मंडियों से पड़ता नहीं है, यह मंदा केवल ग्राहकी नहीं होने का है। अत: इस महीने के उत्तरार्ध में ग्राहक ही निकलते ही बाजार 6500 रुपए पुन: पर कर जाएगा, ऐसी संभावनाएं नजर आ रही है। यद्यपि व्यापारी वर्ग का स्वभाव है कि मंदे में मंदा एवं तेजी में तेजी दिखाई देता है तथापि वास्तविक लॉजिक देखा जाए तो देसी चने में वर्तमान का मंदा टेंपरेरी है। गौरतलब है कि किसी भी राजस्थान महाराष्ट्र कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश की मंडियों से आज की तारीख में दिल्ली देसी चना मंगाने पर 6450/6475 रुपए से कम का पड़ता नहीं है तथा जो चना दिल्ली सहित कहीं से आ रहा है, उसकी क्वालिटी भी अनुकूल नहीं है। हम मानते हैं कि चने के दाल की बिक्री, मटर सस्ती बिकने से बेपड़ते में हो रही है, इन सब के बावजूद भी वर्तमान में देसी चने के भाव नीचे वाले लग रहे हैं। फिलहाल अगले दो-तीन दिनों तक छुट्टियों के चलते ग्राहकी का सन्नाटा रहने पर 50/75 रुपए का और मंदा आ सकता है, लेकिन इस मंदे में बेचने की बजाय माल को खरीदना लाभदायक रहेगा। कुछ कारोबारी जिनके पास देसी चने का स्टॉक नहीं है या जिन्हें टेंडर में सप्लाई देना है, वो लोग ऑस्ट्रेलिया का सस्ता चना का हवा उड़ा कर बाजार को तोडऩे की फिराक में लगे हुए हैं, लेकिन यह बात भूल रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया का चना अक्टूबर उत्तरार्ध में शिपमेंट होकर नवंबर दिसंबर में ही आएगा। इस बार देसी चने के भाव पहले ही नीचे हैं, इसलिए वहां ऊंचे पड़ते से इसमें घटने की गुंजाइश नहीं है तथा 15 नवंबर से पहले देसी चना जबरदस्त शॉर्टेज में आ जाएगा, इस वजह से दिवाली पर ही 7000 रुपए प्रति क्विंटल बिक जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। अत: जो राजस्थानी चना आज 6250 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर बोलने लगे हैं, इसमें जो भी घट रहा है, वह नाजायज है। चने की दाल 7050/7100 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है, यह भी 150 रुपए बेपड़ते में ग्राहकी नहीं होने के भाव हैं। अत: कारोबारी वर्ग के पास जो भी देसी चना है, उसमें घबराने की बिलकुल जरुरत नहीं है। कोई भी चना, कहीं से 15 नवंबर से पहले मंदा नहीं आ पाएगा तथा देसी चना आने वाले समय में 7000 रुपए को टच करेगा, ऐसी संभावना है। घरेलू फसल आने में अभी 7 महीने से अधिक का समय बाकी है तथा देसी माल का स्टॉक किसी भी मंडी में प्रोसेसिंग के अनुरूप नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में भी देसी चने की फसल प्रतिकूल मौसम से बहुत बढिय़ा नहीं है, इन परिस्थितियों में देसी चने की जड़ में मंदा नहीं है।


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