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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

02-08-2025

बड़ी इलायची : लंबी तेजी की आस नहीं

  •  जल्दी ही शुरू होने वाले अगस्त महीने के दूसरे पखवाड़े में बड़ी इलायची की पहली फसल आने के आसार हैं। अभी तक की सूचनाओं के अनुसार यह फसल कमजोर आ सकती है। पिछले डेढ़ महीने से भी कुछ अधिक समय से नीलामी भी नहीं हो रही है लेकिन हाजिर बाजारों में तेज उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। इसलिए आगामी दिनों में बड़ी इलायची में लंबी तेजी की संभावना नहीं है। पूर्वोत्तर भारत में इस बार अभी अच्छी मानसूनी वर्षा हुई है। इस क्षेत्र के कई अग्रणी बड़ी इलायची उत्पादक राज्यों में भारी वर्षा होने के कारण पिछले दिनों विशेषकर सिक्किम तथा अरूणाचल प्रदेश में तो बाढ़ भी आ गई थी। इसके बाद भी करीब एक महीने बाद शुरू होने वाली इस प्रमुख किराना जिंस की पहली फसल तुलनात्मक रूप से कमजोर ही आने के अनुमान जताए जा रहे हैं। बीते करीब डेढ़ महीने से बड़ी इलायची की नीलामी भी नहीं हुई है क्योंकि फसल की आवक नहीं हो रही है। इसका कारण यह है कि हाजिर बाजारों में हाल ही में बिक्री उम्मीद से कमजोर बनी हुई है। उधर, पूर्व हुई भारी वर्षा के कारण असम के कई क्षेत्रों में भारी बाढ़ की चपेट में आए हुए थे। मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कई अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी ही स्थितियां बनी थीं। बहरहाल, स्थानीय थोक किराना बाजार में इस प्रमुख किराना जिंस में तेज उतार-चढ़ाव हो रहा है। बड़ी इलायची कैंचीकट हाल ही में 70 रुपए तेज होकर फिलहाल 1520-1530 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। हालांकि इससे पूर्व इसमें 10-20 रुपए की मंदी आई थी। नवीनतम कीमत मंदी का प्रमुख कारण यह है कि बढ़ी हुई कीमत पर बिक्री का पर्याप्त समर्थन नही मिल रहा है। बहरहाल, हाल ही में खत्म हुए सीजन के दौरान पहली फसल की तरह ही दूसरी फसल भी सामान्य से काफी कमजोर आई थी। इसकी वजह यह है कि इस सीजन में फसल के विकास के समय मौसम प्रतिकूल बना रहा था। चालू सीजन के दौरान भी बड़ी इलायची की पहली फसल करीब 50 प्रतिशत ही आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। हालांकि इसकी दूसरी फसल सामान्य या इसके आसपास आने के आसार जताए जा रहे हैं लेकिन अभी इस संबंध में कोई अनुमान लगाना थोड़ी जल्दबाजी ही कही जाएगी क्योंकि यह फसल आने में अभी तीन-साढ़े तीन महीनों का समय शेष है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अभी भी मौसम फसल की दृष्टिï से अनुकूल नहीं होने की सूचनाएं आ रही हैं। 12 जून को हुई अभी तक की नीलामी में बड़ी इलायची की औसत नीलामी कीमत मंदी होकर 1250/1812.50 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली थी। भारत की तरह ही नेपाल में भी बड़ी इलायची की फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल में इन दिनों बड़ी इलायची की आवक सामान्य से काफी कम हो रही है। इसका आयात पड़ता ऊंचा होने से वहां से आयात का पड़ता नहीं पडऩे की सूचना मिल रही है। भविष्य में यह और बढऩे की उम्मीद भी जताई जा रही है। भूटान और सिक्किम में भी फसल को हानि होने की खबरें आ रही हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के आरंभिक दो महीनों में देश से कुल 35.04 करोड़ रुपए कीमत की 214.84 टन बड़ी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 302.37 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 45.35 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में बड़ी इलायची में लंबी तेजी के आसार नजर नहीं आ रही है।

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बड़ी इलायची : लंबी तेजी की आस नहीं

 जल्दी ही शुरू होने वाले अगस्त महीने के दूसरे पखवाड़े में बड़ी इलायची की पहली फसल आने के आसार हैं। अभी तक की सूचनाओं के अनुसार यह फसल कमजोर आ सकती है। पिछले डेढ़ महीने से भी कुछ अधिक समय से नीलामी भी नहीं हो रही है लेकिन हाजिर बाजारों में तेज उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। इसलिए आगामी दिनों में बड़ी इलायची में लंबी तेजी की संभावना नहीं है। पूर्वोत्तर भारत में इस बार अभी अच्छी मानसूनी वर्षा हुई है। इस क्षेत्र के कई अग्रणी बड़ी इलायची उत्पादक राज्यों में भारी वर्षा होने के कारण पिछले दिनों विशेषकर सिक्किम तथा अरूणाचल प्रदेश में तो बाढ़ भी आ गई थी। इसके बाद भी करीब एक महीने बाद शुरू होने वाली इस प्रमुख किराना जिंस की पहली फसल तुलनात्मक रूप से कमजोर ही आने के अनुमान जताए जा रहे हैं। बीते करीब डेढ़ महीने से बड़ी इलायची की नीलामी भी नहीं हुई है क्योंकि फसल की आवक नहीं हो रही है। इसका कारण यह है कि हाजिर बाजारों में हाल ही में बिक्री उम्मीद से कमजोर बनी हुई है। उधर, पूर्व हुई भारी वर्षा के कारण असम के कई क्षेत्रों में भारी बाढ़ की चपेट में आए हुए थे। मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कई अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी ही स्थितियां बनी थीं। बहरहाल, स्थानीय थोक किराना बाजार में इस प्रमुख किराना जिंस में तेज उतार-चढ़ाव हो रहा है। बड़ी इलायची कैंचीकट हाल ही में 70 रुपए तेज होकर फिलहाल 1520-1530 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। हालांकि इससे पूर्व इसमें 10-20 रुपए की मंदी आई थी। नवीनतम कीमत मंदी का प्रमुख कारण यह है कि बढ़ी हुई कीमत पर बिक्री का पर्याप्त समर्थन नही मिल रहा है। बहरहाल, हाल ही में खत्म हुए सीजन के दौरान पहली फसल की तरह ही दूसरी फसल भी सामान्य से काफी कमजोर आई थी। इसकी वजह यह है कि इस सीजन में फसल के विकास के समय मौसम प्रतिकूल बना रहा था। चालू सीजन के दौरान भी बड़ी इलायची की पहली फसल करीब 50 प्रतिशत ही आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। हालांकि इसकी दूसरी फसल सामान्य या इसके आसपास आने के आसार जताए जा रहे हैं लेकिन अभी इस संबंध में कोई अनुमान लगाना थोड़ी जल्दबाजी ही कही जाएगी क्योंकि यह फसल आने में अभी तीन-साढ़े तीन महीनों का समय शेष है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अभी भी मौसम फसल की दृष्टिï से अनुकूल नहीं होने की सूचनाएं आ रही हैं। 12 जून को हुई अभी तक की नीलामी में बड़ी इलायची की औसत नीलामी कीमत मंदी होकर 1250/1812.50 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली थी। भारत की तरह ही नेपाल में भी बड़ी इलायची की फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल में इन दिनों बड़ी इलायची की आवक सामान्य से काफी कम हो रही है। इसका आयात पड़ता ऊंचा होने से वहां से आयात का पड़ता नहीं पडऩे की सूचना मिल रही है। भविष्य में यह और बढऩे की उम्मीद भी जताई जा रही है। भूटान और सिक्किम में भी फसल को हानि होने की खबरें आ रही हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के आरंभिक दो महीनों में देश से कुल 35.04 करोड़ रुपए कीमत की 214.84 टन बड़ी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 302.37 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 45.35 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में बड़ी इलायची में लंबी तेजी के आसार नजर नहीं आ रही है।


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