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02-07-2025

मैंथोल-इसेंशियल ऑयल्स उत्पादन घटा, मंदा नहीं

  •  मौसम साफ रहने के चलते मैंथा, स्पीयर मिन्ट तथा पिपरैटा एवं तुलसा सभी फसलों का तेल किसानों ने जल्दी निकालकर तुरन्त बेच दिया। कुछ स्पीयर मिन्ट तथा पिपरेटा प्लान्ट की टंकीयों से खरीददार पेकार लोगों ने भाव बढ़ाकर खरीद लिया जो आज मुनाफा के साथ बाजारों में बिक रहा है। सहसवान, अझानी तथा बदायूं मंडियों में आज स्पीयर मिन्ट तेल की बिक्री 2900 से 3000 पर तथा पिपरेटा तेल की बिक्री 3000 से 3200 रुपये के बीच सुनी जा रही है। तुलसा तेल क भाव 2150/2200 रुपए तक सुना जा रहा है। शिवालिक मेंथा का उत्पादन नगण्य स्थिति में जा चुका है, इसलिए आवक भी नगण्य ही देखी जा रही है। सम्भल, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहाँपुर, हरदोई, सीतापुर तथा लखीमपुर खीरी के क्षेत्रों में फसल बहुत कम है, इसलिए पुराने जानकार अनुभवी जुलाई माह तक 40 प्रतिशत तेल की बाजारों में बिक्री मान रहे हैं। वर्तमान मंैथा भाव 950  रुपए कंजलिंग पर खड़ा है, इससे नीचे का पायदान नहीं बनता हुआ लग रहा। बाराबंकी क्षेत्र की सभी मंडियों आवक चल रही है जिसकी कैपलरी 63 से 64 तक ही सुनी जा रही है। बदायूँ की मण्डियों में 67 से 68 तक बतायी जा रह है। सिंथेटिक कारोबार में चिलर इकाईयाँ अधिक होने से कुछ गिने चुने लोग ही नेचुरल मैंथा की चिलिंग चला रहे हैं, फिर भी सीजन के 150 ड्रम की बिक्री आवक अधिक लग रही है। जुलाई माह के अन्त तक घटती आवक के बाद अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर में दो तिहाई तेल की घट जायेंगी तथा भावों में मजबूती बनी रहेगी। आज नेचुरल बॉल्ड क्रिस्टल का उत्पादन घटने से भाव 1175 रुपए से 1180 रुपए तथा टरपीन लैस मैन्थॉल बोल्ड क्रिस्टल का भी 1250 रुपएप्रति किलो व डी.एम.ओ. का भाव 795/800 ऊ0 प्रति कि.ग्रा. तथा फ्लैक्स का भाव 1110 से 1115 रुपए व कंजलिंग मेंथा तेल 955 रुपए प्रति कि.ग्रा. तक सुना गया है। बेसिल की बुवाई दूर-दूर तक फैलकर हो चुकी हैं। जलालाबाद, कलान, मदनापुर, कांठ, मिर्जापुर, दादरौल,फरीदपुर, अल्लागंज, सांडी, बिलग्राम व माधौगंज तक तुलसा की खेती किसानों द्वारा लगाई गई है, जो सितम्बर में आ जायेगी। सितम्बर तक पिपरैटा तेल के एडवांस में बिके सौदों जाने चाहिए ऐसा कुछ पुराने अनुभवी व्यापारी मान रहे हैं किन्तु माल बहुत कम आ रहा है। निर्यातक अभी तक मंदी का प्रचार कर रहे हैं व करवा रहे हैं, जबकि दुकानदारों को अपनी सौदों को पूरा करना भारी पड़ रहा है।

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मैंथोल-इसेंशियल ऑयल्स उत्पादन घटा, मंदा नहीं

 मौसम साफ रहने के चलते मैंथा, स्पीयर मिन्ट तथा पिपरैटा एवं तुलसा सभी फसलों का तेल किसानों ने जल्दी निकालकर तुरन्त बेच दिया। कुछ स्पीयर मिन्ट तथा पिपरेटा प्लान्ट की टंकीयों से खरीददार पेकार लोगों ने भाव बढ़ाकर खरीद लिया जो आज मुनाफा के साथ बाजारों में बिक रहा है। सहसवान, अझानी तथा बदायूं मंडियों में आज स्पीयर मिन्ट तेल की बिक्री 2900 से 3000 पर तथा पिपरेटा तेल की बिक्री 3000 से 3200 रुपये के बीच सुनी जा रही है। तुलसा तेल क भाव 2150/2200 रुपए तक सुना जा रहा है। शिवालिक मेंथा का उत्पादन नगण्य स्थिति में जा चुका है, इसलिए आवक भी नगण्य ही देखी जा रही है। सम्भल, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहाँपुर, हरदोई, सीतापुर तथा लखीमपुर खीरी के क्षेत्रों में फसल बहुत कम है, इसलिए पुराने जानकार अनुभवी जुलाई माह तक 40 प्रतिशत तेल की बाजारों में बिक्री मान रहे हैं। वर्तमान मंैथा भाव 950  रुपए कंजलिंग पर खड़ा है, इससे नीचे का पायदान नहीं बनता हुआ लग रहा। बाराबंकी क्षेत्र की सभी मंडियों आवक चल रही है जिसकी कैपलरी 63 से 64 तक ही सुनी जा रही है। बदायूँ की मण्डियों में 67 से 68 तक बतायी जा रह है। सिंथेटिक कारोबार में चिलर इकाईयाँ अधिक होने से कुछ गिने चुने लोग ही नेचुरल मैंथा की चिलिंग चला रहे हैं, फिर भी सीजन के 150 ड्रम की बिक्री आवक अधिक लग रही है। जुलाई माह के अन्त तक घटती आवक के बाद अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर में दो तिहाई तेल की घट जायेंगी तथा भावों में मजबूती बनी रहेगी। आज नेचुरल बॉल्ड क्रिस्टल का उत्पादन घटने से भाव 1175 रुपए से 1180 रुपए तथा टरपीन लैस मैन्थॉल बोल्ड क्रिस्टल का भी 1250 रुपएप्रति किलो व डी.एम.ओ. का भाव 795/800 ऊ0 प्रति कि.ग्रा. तथा फ्लैक्स का भाव 1110 से 1115 रुपए व कंजलिंग मेंथा तेल 955 रुपए प्रति कि.ग्रा. तक सुना गया है। बेसिल की बुवाई दूर-दूर तक फैलकर हो चुकी हैं। जलालाबाद, कलान, मदनापुर, कांठ, मिर्जापुर, दादरौल,फरीदपुर, अल्लागंज, सांडी, बिलग्राम व माधौगंज तक तुलसा की खेती किसानों द्वारा लगाई गई है, जो सितम्बर में आ जायेगी। सितम्बर तक पिपरैटा तेल के एडवांस में बिके सौदों जाने चाहिए ऐसा कुछ पुराने अनुभवी व्यापारी मान रहे हैं किन्तु माल बहुत कम आ रहा है। निर्यातक अभी तक मंदी का प्रचार कर रहे हैं व करवा रहे हैं, जबकि दुकानदारों को अपनी सौदों को पूरा करना भारी पड़ रहा है।


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