बीएमडब्ल्यू इंडिया के प्रेसिडेंट और सीईओ विक्रम पवाह ने कहा है कि भारत में क्लीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए हाइब्रिड कारों पर रोड टैक्स के साथ ही जीएसटी में भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए। पवाह ने कहा, अगर सरकार का असली टार्गेट सीओ2 एमिशन घटाना है तो पैमाना एक ही होना चाहिए जिसमें क्लीन टेक्नोलॉजी पर सबसे कम टैक्स लगे, ताकि लोग धीरे-धीरे क्लीन वेहीकल्स की ओर शिफ्ट हों। पवाह ने कहा कि टैक्स का आधार गाड़ी का साइज या इंजन कैपेसिटी नहीं बल्कि यह होना चाहिए कि वह कितनी पर्यावरण के अनुकूल है। वर्तमान में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 5 परसेंट जीएसटी लगता है, हाइब्रिड्स पर 43 परसेंट और इंजन (आइस) वेहीकल्स पर 45 परसेंट से 50 परसेंट तक जीएसटी लगता है। कुछ राज्य जैसे उत्तर प्रदेश हाइब्रिड कारों पर रोड टैक्स में छूट भी दे रहे हैं। हालांकि पवाह ने माना कि हाइब्रिड पावरट्रेन सिर्फ एक ट्रांजशिन (बदलाव का रास्ता) है, अंतिम समाधान नहीं। उन्होंने कहा, भारत के लिए कार्बन फुटप्रिंट घटाने का अंतिम रास्ता इलेक्ट्रिक ही है। बीएमडब्ल्यू वर्तमान में भारत की सबसे बड़ी लक्जरी ईवी मेकर है जिसकी कुल सेल्स में इलेक्ट्रिक कारों का शेयर 18 परसेंट है। वर्ष 2025 की पहली छमाही में कंपनी ने 1,322 बीएमडब्ल्यू और मिनी इलेक्ट्रिक कारें बेचीं, जो साल-दर-साल 234 परसेंट की ग्रोथ है। पवाह का दावा है कि बीएमडब्ल्यू की लक्जरी ईवी का मार्केट शेयर 50 परसेंट है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप भारत में मिनी ब्रांड की इलेक्ट्रिक कार बेचता है और दोनों ब्रांड्स की अब तक कुल ईवी सेल्स भारत में 5 हजार यूनिट्स को पार कर चुकी है। बीएमडब्ल्यू एक्सएम प्लग-इन हाइब्रिड भी बेचती है। इस साल के पहले छह महीनों में कंपनी ने 4 प्लग-इन हाइब्रिड गाडिय़ां बेचीं।