प्रीमियम रिट्रो मोटरसाइकल कंपनी क्लासिक लीजेंड्स, भारत और इंटरनेशनल मार्केट्स में ग्रोथ के प्लान पर काम कर रही है। कंपनी के पोर्टफोलियो में यज़्दी, जावा और बीएसए जैसे ब्रांड्स है। महिंद्रा ग्रुप की ओनरशिप वाली यह कंपनी इसके लिए दोहरी विकास रणनीति अपना रही है। कंपनी भारत में अपने सेल्स नेटवर्क का विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है। दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में ब्रांड को लॉन्च कर एक्सपोर्ट बढ़ाने के प्लान पर भी काम कर रही है। क्लासिक लीजेंड्स ने हाल ही 2025 यज़्दी रोडस्टर लॉन्च की है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 2.09 लाख से 2.26 लाख के बीच है। क्लासिक लीजेंड्स इस साल यूके, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान और लेटिन अमेरिका जैसे बाजारों में एक्सपोर्ट शुरू करने के लिए कमर कस रही है। क्लासिक लीजेंड्स के सीबीओ शरद अग्रवाल ने कहा कि इस साल सेल्स वॉल्यूम को पिछले साल के लगभग 40 हजार यूनिट से बढ़ाकर करीब 80 हजार यूनिट्स तक पहुंचाना है। कंपनी के एमडी और को-फाउंडर अनुपम थरेजा ने कहा कंपनी ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार कर रही है। हमने यूके में बीएसए बैंटम लॉन्च की है और वहां इस सीजन के लिए स्टॉकआउट हो गया है। हमने इटली, न्यूजीलैंड, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया में भी कदम रखे हैं। जल्दी ही ऑस्ट्रेलिया कंपनी के नेटवर्क में शामिल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बीएसए ब्रांड जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पूरे यूरोप, यूके और अमेरिका जैसे डवलप्ड मार्केट्स को टार्गेट करेगा। अग्रवाल के अनुसार इंडियन मार्केट में क्लासिक लीजेंड्स यज़्दी और जावा मोटरसाइकल बेचती है। बीएसए मॉडल्स की भी लिमिटेड सेल करती है। फिलहाल कंपनी के भारतभर में 350 से अधिक डीलर हैं, और फेस्टिव सीजन के दौरान करीब 100 नई डीलरशिप्स खोलने की है। हम इस साल के अंत तक 500 से अधिक डीलर के साथ काम करना चाहते हैं, जिससे इस सेक्टर के 80 परसेंट वॉल्यूम को कवर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कंपनी के पास टॉप 40 मार्केट्स, अगले 150 शहरों और प्रमुख टियर-3 शहरों में सेल्स एंड सर्विस नेटवर्क होगा। इस साल कंपनी ने चार मॉडल लॉन्च किए हैं, जिनमें यज़्दी रोडस्टर भी शामिल है, और एक और मॉडल आना है। थरेजा ने कहा कि कंपनी बीएसए मोटरसाइकल्स को अमेरिका में लॉन्च करने के प्लान पर काम कर रही थी लेकिन 50 परसेंट ट्रंप टैरिफ के कारण यह फिलहाल टल गई है। कंपनी की कुछ बाइक्स अमेरिका के रास्ते में हैं और कुछ अमेरिकी कस्टम्स पर फंसी हुई हैं। थरेजा ने बताया कि अमेरिका एक बड़ा मार्केट हो सकता था। जब बीएसए दुनिया का सबसे बड़ा मोटरसाइकल ब्रांड था, तब अमेरिका उसका सबसे बड़ा मार्केट था।
