ऑटो इंडस्ट्री को ऐसी हॉट वायरिंग की वाकई जरूरत भी थी। सेंटिमेंट जैकअप होगा तो डिमांड में रिकवरी होगी। दस परसेंट जीएसटी घटने से अन-अफोर्डेबिलिटी की दीवार भी थोड़ी नीची हो जाएगी। ऑटो इंक को बड़ी शिकायत थी कि एमिशन नॉम्र्स और सेफ्टी नॉम्र्स को अपग्रेड करने से गाड़ी आम हिंदुस्तानी की पॉकेट में अनफिट हो चुकी है। दुनिया की स्मॉल कार कैपिटल में ही स्मॉल कार बाजार से बाहर हो रही है। प्राइस का एंट्री बैरियर घटने से वो कस्टमर फिर से अपनी फस्र्ट कार के लिए न्यू स्मॉल कार के बजाय यूज्ड कॉम्पेक्ट कार की ओर माइग्रेट कर रहे थे, पूरे ना सही उनमें से एक हिस्सा फिर से न्यू स्मॉल कार में कन्वर्ट हो सकता है। हालांकि फाडा का कहना है कि डीलरों के सामने बड़ा चैलेंज आ खड़ा हुआ है। जीएसटी रेट्स को लेकर क्लेरिटी आने में अभी समय लगेगा ऐसे में कस्टमर फिलहाल वेट एंड वॉच मोड में हैं और अगस्त-सितंबर की रिटेल पर पाला पड़ सकता है। डीलरों के लिए इंवेंट्री मैनेजमेंट की मुश्किल आ खड़ी हुई है। कंजम्पशन को सपोर्ट मिलने से डिमांड में स्लोडाउन और ट्रंप टैरिफ के कारण निगेटिव हो गए सेंटिमेंट को रिकवर होने में मदद मिलेगी। और इसका अंदाजा इस बात से ही लग सकता है कि सप्ताह के पहले दिन ही ऑटो कंपनियों के शेयरों में जो रैली शुरू हुई वो अभी थमी नहीं है। फाडा के प्रेसिडेंट सी.एस. विग्नेश्वर कर दरों में कटौती को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा, हम बहुत खुश हैं और बहुत उत्साहित हैं कि किसी तरह की रेट रेशनलाइज हो रही है। हमने सरकार को लिखा था, इससे ग्राहकों की गतिशीलता में मदद मिलेगी। इस कदम से डीलरशिप्स और मार्केट में ज्यादा कस्टमर आएंगे और हम इस कदम के लिए सरकार के आभारी हैं। फेस्टिव सीजन के ऐन मौके पर सरकार का यह कदम ऑटो इंक की फेस्टिव सेल्स के लिए बड़ा ग्रोथ ड्राइवर साबित हो सकता है। हालांकि जब तक जीएसटी रेट्स में क्लैरिटी नहीं आती डीलर्स के लिए सेल्स कन्वर्जन बड़ा चैलेंज होगा और इंवेंट्री मैनेजमेंट भी। विग्नेश्वर के अनुसार डीलरों के पास पहले से ही हाई रेट्स वाला स्टॉक है। उन्होंने कहा, हमें हाई जीएसटी रेट्स वाली इन्वेंट्री के बारे में सरकार के साथ बातचीत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे का समाधान संभवत: जीएसटी क्रेडिट या फिर किसी और जरिए से करेगी। उन्होंने कहा, जीएसटी के पहले से किए जा चुके पेमेंट पर जरूर कोई रिवर्सल होगा और मुझे लगता है कि सरकार इसका ध्यान रखेगी। फाडा का मानना है कि वाहनों पर जीएसटी दर में कटौती से वे अधिक किफायती हो जाएंगेे, खासकर एंट्री-लेवल मॉडल और दोपहिया वाहनों के लिए। टू-व्हीलर पर जीएसटी रेट्स को घटाने की मांग सबसे पहले बजाज ऑटो के चेयरमैन राजीव बजाज ने की थी जिसका बाद में कई अन्य कंपनियों ने सपोर्ट किया था। इसी तरह मारुति सुजुकी स्मॉल कारों पर जीएसटी कम करने के लिए करीब एक साल से कैंपेन सा चला रही है। फाडा भी अपने स्तर पर टू-व्हीलर पर जीएसटी को 28 परसेंट से घटाकर 18 परसेंट करने की वकालत कर रही है। ऑटो इंक को लगता है कि दिवाली वाले फेस्टिव सीजन में जैकपॉट सेल आने की उम्मीद है।
