कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो...तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है...कोई बीस साल पहले आई फिल्म ओम शांति ओम का यह डायलॉग चल-चलकर घिस चुका है। लेकिन पीवी महारथी मारुति के लिए यह सच साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला से जैसे ही जीएसटी रिफॉर्म की बात कही तो मारुति की लीडरशिप ने कहा होगा...फाइनली...आफ्टर लॉन्ग वेट...। लेटेस्ट रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने जीएसटी 2.0 के तहत स्मॉल कार पर टेक्स घटाने का प्रपोजल आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ...बंपर दिवाली...की बात कही थी। एनेलिस्ट कहते हैं कि पैसेंजर वेहीकल्स को दो कैटेगरी में बांटने का प्रपोजल है। इंजन कैपेसिटी 1,200 सीसी से कम वाले वेहीकल्स पर जीएसटी रेट 28 से घटाकर 18 परसेंट की जानी है। इसी स्लैब में 1,500 सीसी तक के डीजल इंजन वाले हाइब्रिड पैसेंजर वेहीकल्स को भी शामिल किए जाने की बात है। अभी स्मॉल कारों पर 28 परसेंट जीएसटी के साथ-साथ 1 से 3 परसेंट के बीच सेस भी लगता है।
जैकपॉट: मॉर्गन स्टैनली के अनुसार देश के कुल जीएसटी कलेक्शन में ऑटोमोबाइल सैक्टर का शेयर 14 परसेंट है। 2008 में टेक्स रेट घटाने और छठे पे कमिशन से मिले-जुले असर से ऑटोमोबाइल डिमांड में 20 परसेंट का बंपर जंप आया था। इस बार इसका सबसे ज्यादा फायदा मारुति, टाटा, ह्यूंदे और महिंद्रा को होगा। नोमुरा का अनुमान है कि कारों पर जीएसटी 10 परसेंट घटता तो डिमांड 15-20 परसेंट तक बढ़ सकती है। जेफरीज के इक्विटी एनेलिस्ट महेश नंदुरकर ने कहा कि जीएसटी घटाने से परचेजिंग पावर सुधरेगी जिससे कंजम्पशन बढ़ेगा।
टू-व्हीलर: सरकारी अधिकारियों का मानना है कि टू-व्हीलर और स्मॉल कार पर जीएसटी घटाने से मिडल क्लास कस्टमर को राहत मिलेगी जिससे कंजम्पशन बढ़ेगा और जीएसटी की विसंगतियों में सुधार होगा, जहां स्मॉल कारों पर लगभग उतना ही टैक्स लगता है जितना लक्जरी एसयूवी पर। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा है कि सरकार द्वारा प्रस्तावित जीएसटी का पुनर्गठन एक बहुत बड़ा सुधार है और इसके परिणाम सकारात्मक होंगे। उनके अनुसार, इससे भारतीय प्रॉडक्ट्स की कंपीटिटिवनैस बढ़ेगी और ट्रेड खुलने से जरूरी कंपीटिशन बढ़ेगा जिससे बाजार का विस्तार होगा और कस्टमर का फायदा होगा।
