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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’
Hold fast then to this sound and wholesome rule of life; indulge the body only as far us is needful for health.
हम जिस Monsoon से Money Economy के संक्रमणकाल से गुजर रहे हैं उसे Season Economy के नाम से भी इसलिये जाना जाता है कि जिस प्रकार मानसून प्रधान...
समय धरती पर सबसे बहुमूल्य सम्पत्ति है। कहते हैं-समय और लक्ष्मी चंचल व अस्थिर हैं। ये दोनों चिरकाल तक किसी एक के पास नहीं रहते। आज मनुष्य धन को तो तिजोरी में...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......