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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
जब कोई देश Creative State से Welfare State Capitalism में परिवर्तन के संक्रमणकाल से गुजरता है तो उसे खान-पान की वैरायटी के ...
मनुष्य का जीवन, आशा और निराशा, दो शब्दों के बीच फंसा नजर आता है तथा इनके पीछे भी दो शब्द चलते हैं। वे हैं-साहस-निर्बलता और विश्वास और अविश्वास। मनुष्य साहस का...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......