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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’
The home is the basis of a righteous life and no other instrumentality can take its place nor fulfill its essential functions.
जिस प्रकार किसान अपने बच्चों को Follow The Monsoon या पानी का पीछा करना सिखाता है ठीक उसी तरह Money Economy पर आश्रित जिस विकास के दौर में हम ...
दया और अहिंसा मानवता की पहली पहचान है। आज विश्व में चारों ओर विषमता दिखायी पड़ती है, दैन्य, पीड़ा और अशान्ति के कारण घृणा और द्वेष की ज्वाला सुलग रही है।...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......