जयपुर। पिछले कुछ समय से कैपिटल मार्केट रेग्यूलेटर सेबी द्वारा शेयर बाजारों के डेरीवेटिव सेगमेंट (F&O) या सट्टा आधारित कारोबार में व्याप्त जोखिमों को लेकर लगातार इंवेस्टरों को सतर्क करने का काम कर रही है। इसके लिए सेबी ने डेरीवेटिव सेगमेंट में ट्रेडर्स को हो रहे भारी घाटे से रिलेटेड 2 रिपोर्ट्स भी जारी की है। हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में डेरीवेटिव सेगमेंट में ट्रेड करने वाले 91% यानि 73 लाख इंडिविजुअल ट्रेडर्स को एवरेज 1.2 लाख रुपए प्रति व्यक्ति का नुकसान हुआ है। अकेले वित्त वर्ष 2023-24 में ही ट्रेडर्स को कुल मिलाकर लगभग 75,000 करोड़ रुपये की चपत डेरीवेटिव सेगमेंट में लगी है। इस लिहाज से राजस्थान बेस्ड ट्रेडर्स की स्थिति देखें तो सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में कुल 5.4 लाख ट्रेडर्स को प्रति व्यक्ति एवरेज 83,000 रुपये का नुकसान डेरिवेटिव सेगमेंट में हुआ है। यानि 2024-25 में राजस्थान बेस्ड डेरिवेटिव ट्रेडर्स को कुल 4482 करोड़ रुपये की चपत लगी है। पूरे देश में 2024-25 में महाराष्ट्र बेस्ड 18.8 लाख डेरिवेटिव ट्रेडर्स को कुल 13912 करोड रुपये का जबकि गुजरात बेस्ड ट्रेडर्स को 8888 करोड़ रुपये का घाटा डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेड करने से हुआ है। दिलचस्प रूप से देश के अधिकतर राज्यों में पिछले 3 वर्षों में डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेड करने वाले लोगों की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र में जहां ऐसे ट्रेडर्स की संख्या 2021-22 में 11.68 लाख की तुलना में 2023-24 में 61 प्रतिशत बढक़र 18.87 लाख हो गई वहीं गुजरात में यह 107 प्रतिशत बढक़र 10.09 लाख, यूपी में 186% बढक़र 9.28 लाख, राजस्थान में 147 प्रतिशत बढक़र 5.37 लाख व एमपी में यह 136 प्रतिशत बढक़र 4.28 लाख दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, जहां इंडिविजुअल ट्रेडर्स को डेरीवेटिव सेगमेंट में भारी नुकसान हो रहा है वहीं बड़े प्लेयर्स की चांदी हो रही है। बड़े प्लेयर्स, जिनमें फॉरेन इंवेस्टर व ब्रोकर्स शामिल हैं, ने 2023-24 में डेरीवेटिव सेगमेंट में कुल 61000 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया जबकि इतना ही नुकसान इंडिविजुअल ट्रेडर्स को हुआ यानि देखा जाए तो डेरीवेटिव सेगमेंट के जरिए पैसा इंडियन इंडिविजुअल ट्रेडर्स से ‘बड़े’ प्लेयर्स की जेब में बेरोकटोक शिफ्ट हो रहा है।
