देश में क्विक कॉमर्स कम्पनियां एक्सपेंशन कर रही है और इस कारण से प्रमुख शहरों में डार्क स्टोर्स की रेंटल कॉस्ट जूम पर है। कुछ एरियाज में तो यह 35 प्रतिशत तक बढ़ी हुई है। ब्लिंकइट, जेप्टो, फ्लिपकार्ट मिनट्स और स्विगी इन्स्टामार्ट चालू वर्ष में नये डार्क स्टोर्स ओपन कर रही है। लेकिन यह विस्तार देश के हाई डिमांड वाले अरबन मार्केट्स हैं। इन एरियाज में रैपिड ग्रॉसरी डिलीवरी चाहने वाले कस्टमर्स की डिमांड ज्यादा है। इससे बैंगलुरु, मुम्बई और दिल्ली एनसीआर की प्राइम रेजीडेंशियल पॉकिट्स में सप्लाई कम हो रही है जबकि माइक्रो वेयरहाउसेज यानि डार्क स्टोर्स की डिमांड बढ़ रही है। स्टेंडर्ड वेयरहाउसेज का रेंट ज्यादा होता है, शायद इसलिये यह इनक्रीज देखा जा रहा हो। इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार माइक्रो वेयरहाउसेज की डिमांड प्राइम अरबन लोकेशंस में ज्यादा है। वर्ष 2024 में डार्क स्टोर्स का रेंटल करीब 20 से 25 प्रतिशत बढ़ा था और चालू वर्ष में भी पे्रशर ज्यादा ही रहने की सम्भावना है। रिटेल एडवाइजरी बियॉन्ड स्कवायर फीट के फाउंडर के अनुसार कुछ मार्केट्स में 25 से 35 प्रतिशत रेंट इनक्रीज हो सकता है। उदाहरण के लिये ब्लिंकइट चालू वर्ष के अंत तक स्टोर काउंट को दो हजार पर पहुंचाना चाहती है। फ्लिपकार्ट मिनट्स 300 से 800 स्टोर्स खोलने की योजना पर काम कर रही है। जेप्टो और स्विगी इन्स्टामार्ट एक हजार से ज्यादा स्टोर्स को ऑपरेट कर रही है। मैट्रो शहरों में वे लोकेशंस को एड कर रहे हैं। देश के टॉप 10 से 15 शहरों में आक्रामक रोलआउट किया जा रहा है। रेडसीर की एक रिपोर्ट के अनुसार नॉन-मैट्रो शहरों में ग्रॉस मर्केन्डाइन वैल्यू 20 प्रतिशत योगदान कर सकती है। बैंगलुरु में डोमलुर, सारजापुर रोड आदि लोकेशंस की बात करें तो गत करीब 18 माह में ग्राउंड फ्लोर डार्क स्टोर का एवरेज रेंट करीब 30 से 40 प्रतिशत बढ़ा है। डोमलुर इलाके में तो रेंट 50 से 75 रुपये पर स्कवायर फीट तक पहुंच गया है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ लैंडलॉर्ड्स तो साइनिंग बोनस, छह महिने का एडवांस रेंट जैसे प्रस्ताव भी पेश कर रहे हैं। लीजिंग टम्र्स को भी कडक़ बनाया जा रहा है। सिक्योरिटी डिपोजिट्स 4-6 माह तक बढ़ रहे हैं। टेनेंट को लॉकइन करने के लिये हाई सिक्योरिटी डिपोजिट की मांग की जाती है। कुल मिलाकर परिदृश्य ऐसा है कि क्विक कॉमर्स वेव ने डार्क स्टोर्स की डिमांड को बढ़ा दिया है और इससे रेंट ज्यादा हो गये हैं।