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22-08-2025

वेयरहाउस डिमांड वर्ष 2025 के फस्र्ट हाफ में इनक्रीज हुई

  •  इन्डिया के वेयरहाउस मार्केट में वर्ष 2025 की पहली छमाही में शीर्ष आठ बाजारों में लीज की मात्रा में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो बढक़र 32.1 मिलियन वर्गफुट (मिलियन वर्ग फुट) हो गई है। यह जानकारी आई एक रिपोर्ट में दी गई। ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट, नाइट एंड फ्रैंक ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा कि डिमांड में यह तीव्र वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कारण हुई, जिसने स्पेस की खपत में सालाना आधार पर 71 प्रतिशत की वृद्धि देखी, जो कुल लेनदेन का 45 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, उच्च श्रेणी की सुविधाओं पर बढ़ता ध्यान भी स्पष्ट है क्योंकि लेनदेन की मात्रा दर्शाती है कि लीज पर दी गई जगह का 63 प्रतिशत ग्रेड ए था, जो एक साल पहले 54 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली छमाही में पैन इंडिया स्टॉक 500 मिलियन वर्गफुट से अधिक हो गया, जिसमें ग्रेड ए परिसंपत्तियां नई सप्लाई का 75 प्रतिशत थीं, आपूर्ति मांग से कम होने के कारण रिक्तता 13.1 प्रतिशत से घटकर 12.1 प्रतिशत हो गई। 2025 की पहली छमाही के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर लीडिंग ऑक्यूपायर के रूप में उभरा, जिसने सभी लेनदेन का 45 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया, जो पिछली अवधियों की तुलना में एक महत्वपूर्ण उछाल है। 2025 की पहली छमाही में इस क्षेत्र की लीजिंग मात्रा 14.6 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक है। मुंबई और पुणे ने मिलकर इस स्थान का 44 प्रतिशत हिस्सा अब्सॉर्ब किया, जिसका नेतृत्व एसकेएस फास्टनर्स, रिन्यूस इंडिया, गोदरेज एंड बॉयस और ल्यूपिन जैसी प्रमुख कंपनियों ने किया। रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स ने 3.3 मिलियन वर्गफुट के साथ जोरदार वापसी की, जो गत वर्ष की तुलना में 61 प्रतिशत की वृद्धि है और अब कुल गतिविधियों का 10 प्रतिशत है। नाइट फ्रैंक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि औद्योगिक और वेयरहाउसिंग बाजार में लेनदेन की मात्रा में हुई यह अच्छी वृद्धि भारत के तेजी से बढ़ते विनिर्माण और उपभोग आधार की गहराई को दर्शाती है। विनिर्माण-आधारित गतिविधि में 71 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि वैश्विक पुनर्संरेखण के बीच भारत को एक पसंदीदा उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता को छोडक़र सभी शहरों में लेनदेन की मात्रा में वृद्धि हुई। मुंबई 7.5 मिलियन वर्गफुट के साथ सबसे आगे रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक है। पुणे और चेन्नई में क्रमश: 76 प्रतिशत और 135 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अहमदाबाद का बाजार 36 लाख वर्गफुट के नए अर्ध-वार्षिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी तरह, बेंगलुरु में भी सालाना आधार पर 72 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसमें 65 प्रतिशत लीजिंग वॉल्यूम का नेतृत्व मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के व्यवसायियों ने किया, जो कि 2023 की पहली छमाही के बाद से शहर के लिए यह सबसे अधिक हिस्सेदारी है।

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वेयरहाउस डिमांड वर्ष 2025 के फस्र्ट हाफ में इनक्रीज हुई

 इन्डिया के वेयरहाउस मार्केट में वर्ष 2025 की पहली छमाही में शीर्ष आठ बाजारों में लीज की मात्रा में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो बढक़र 32.1 मिलियन वर्गफुट (मिलियन वर्ग फुट) हो गई है। यह जानकारी आई एक रिपोर्ट में दी गई। ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट, नाइट एंड फ्रैंक ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा कि डिमांड में यह तीव्र वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कारण हुई, जिसने स्पेस की खपत में सालाना आधार पर 71 प्रतिशत की वृद्धि देखी, जो कुल लेनदेन का 45 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, उच्च श्रेणी की सुविधाओं पर बढ़ता ध्यान भी स्पष्ट है क्योंकि लेनदेन की मात्रा दर्शाती है कि लीज पर दी गई जगह का 63 प्रतिशत ग्रेड ए था, जो एक साल पहले 54 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली छमाही में पैन इंडिया स्टॉक 500 मिलियन वर्गफुट से अधिक हो गया, जिसमें ग्रेड ए परिसंपत्तियां नई सप्लाई का 75 प्रतिशत थीं, आपूर्ति मांग से कम होने के कारण रिक्तता 13.1 प्रतिशत से घटकर 12.1 प्रतिशत हो गई। 2025 की पहली छमाही के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर लीडिंग ऑक्यूपायर के रूप में उभरा, जिसने सभी लेनदेन का 45 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया, जो पिछली अवधियों की तुलना में एक महत्वपूर्ण उछाल है। 2025 की पहली छमाही में इस क्षेत्र की लीजिंग मात्रा 14.6 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक है। मुंबई और पुणे ने मिलकर इस स्थान का 44 प्रतिशत हिस्सा अब्सॉर्ब किया, जिसका नेतृत्व एसकेएस फास्टनर्स, रिन्यूस इंडिया, गोदरेज एंड बॉयस और ल्यूपिन जैसी प्रमुख कंपनियों ने किया। रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स ने 3.3 मिलियन वर्गफुट के साथ जोरदार वापसी की, जो गत वर्ष की तुलना में 61 प्रतिशत की वृद्धि है और अब कुल गतिविधियों का 10 प्रतिशत है। नाइट फ्रैंक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि औद्योगिक और वेयरहाउसिंग बाजार में लेनदेन की मात्रा में हुई यह अच्छी वृद्धि भारत के तेजी से बढ़ते विनिर्माण और उपभोग आधार की गहराई को दर्शाती है। विनिर्माण-आधारित गतिविधि में 71 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि वैश्विक पुनर्संरेखण के बीच भारत को एक पसंदीदा उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता को छोडक़र सभी शहरों में लेनदेन की मात्रा में वृद्धि हुई। मुंबई 7.5 मिलियन वर्गफुट के साथ सबसे आगे रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक है। पुणे और चेन्नई में क्रमश: 76 प्रतिशत और 135 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अहमदाबाद का बाजार 36 लाख वर्गफुट के नए अर्ध-वार्षिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी तरह, बेंगलुरु में भी सालाना आधार पर 72 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसमें 65 प्रतिशत लीजिंग वॉल्यूम का नेतृत्व मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के व्यवसायियों ने किया, जो कि 2023 की पहली छमाही के बाद से शहर के लिए यह सबसे अधिक हिस्सेदारी है।


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