देश के ग्रामीण क्षेत्र ने डेली प्रोडक्ट्स की खपत वाले उत्पादों (एफएमसीजी) के मामले में जून तिमाही के दौरान 8.4 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ के साथ एक बार फिर शहरी क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया। नील्सनआईक्यू ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। आंकड़ा विश्लेषण कंपनी नील्सनआईक्यू ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में शहरी क्षेत्रों में एफएमसीजी बिक्री 4.6 प्रतिशत रही। यह लगातार छठी तिमाही है जब ग्रामीण खपत शहरी क्षेत्र से अधिक रही है। हालांकि शहरी क्षेत्रों में सुधार के संकेत से दोनों के बीच फासला कम हो रहा है। वैल्यू के लिहाज से जून तिमाही में देश के एफएमसीजी उद्योग में 13.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो ग्रामीण मांग और शहरी सुधार दोनों से प्रेरित रही। रिपोर्ट कहती है कि जून तिमाही में बिक्री मात्रा में छह प्रतिशत और मूल्य में 7.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। छोटी पैकिंग की मांग समग्र मात्रा वृद्धि से ज्यादा रही, जिससे उपभोक्ताओं की प्राथमिकता का संकेत मिलता है। कैटेगरी वाइज आंकड़ों की बात करें तो खाद्य खपत 5.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ स्थिर रही। घरेलू एवं व्यक्तिगत देखभाल (एचपीसी) खंड में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि दवाओं की दुकानों के जरिये बेचे जाने वाले ओवर-द-काउंटर श्रेणी के उत्पादों के बिक्री मूल्य में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गत तिमाही में भी ई-कॉमर्स मंचों की तीव्र वृद्धि जारी रही जिसमें दक्षिण के महानगरों ने बाजी मारी। तिमाही के दौरान छोटे विनिर्माताओं, खासकर खाद्य और एचपीसी खंड में, ने स्थिर मांग और घटती महंगाई के चलते बड़ी कंपनियों की तुलना में कहीं तेज वृद्धि दर्ज की।