देश का हॉस्पीटेलिटी सेक्टर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से अप्रभावित रहेगा। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है। उनका कहना है कि आने वाले पांच वर्ष में यह 9.6 प्रतिशत सीएजीआर से ग्रोथ लेगा और ऐसा ट्यूरिज्म के फिर से ट्रैक पर आ जाने के कारण सम्भव होगा। हाल के अनुमानों के अनुसार वल्र्ड ट्रैवल एंड ट्यूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) ने कहा है कि इन्डियन ट्रैवल एंड ट्यूरिज्म सेक्टर वर्ष 2035 तक 63.9 मिलियन लोगों को एम्प्लॉय करने लगेगा। गत वर्ष यह आंकड़ा करीब 46.3 मिलियन रहा था। डब्ल्यूटीटीसी के चीफ एक्जीक्यूटिव ने कहा कि यह इंडस्ट्री एकमात्र ऐसा होगी, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से अप्रभावित रहेगी। हॉस्पीटल्स, बैकिंग, फ्लैक्स स्पेस, रियल एस्टेट आदि सेक्टर्स से नई डिमांड आने की सम्भावना है और यह डिमांड हॉस्पीटेलिटी सेक्टर पूरी करेगा। आने वाले पांच वर्ष में होटल स्टाफ, जनरल मैनेजर्स की शॉर्टेज रह सकती है। ऐसे में इसके लिये तैयारी करने की जरूरत है, ताकि कमी को पूरा किया जा सके। इन-हाउस ट्रेनिंग कोर्स आदि उपाय किये जा रहे हैं ताकि टेलेंट को तैयार किया जा सके। ताज, ओबेरॉय, लैमन ट्री, आईटीसी, मेरियट आदि होटल चेन अपने स्वयं के ट्रेनिंग प्रोग्राम्स, अकेडमीज को विस्तार देना शुरू कर दिया है। रिकू्रमेंट और एचआर सर्विसेज देने वाले ग्लोबल प्रोवाइडर जीआई गु्रप होल्डिंग के कंट्री मैनेजर ने कहा है कि वर्कफोर्स की हाई डिमांड आने की सम्भावना है। ऐसे में इंटरनल ट्रेनिंग, अपस्किलिंग से डिमांड को पूरा करने का प्रयास रहेगा। सरोवर होटल्स के एक अधिकरी ने कहा है कि स्किल काउंसिल्स के साथ पार्टनरशिप, कम्यूनिटी बेस्ड हायरिंग पर भी फोकस किया जा रहा है। सरोवर लीडरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम, जनरल मैनेजर डवलपमेंट प्रोग्राम में इन्वेस्ट किया जा रहा है। इससे हाई पोटेंशियल एम्प्लॉइज को रैडी करने में मदद मिलेगी। रॉयल आर्किड होटल्स के पे्रसीडेंट के अनुसार वे इंटरनल अपस्किलिंग प्रोग्राम्स, स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग मोड्यूल्स पर इन्वेस्ट कर रहे हैं। गौरतलब है कि होटल चेंस ने प्रतिष्ठित हॉस्पीटेलिटी इन्स्टीट्यूट्स के साथ भी सहयोग किया है। टेलेंट गैप को पूरा करने के लिये वे कैम्पस प्लेसमेंट्स में भी हिस्सा ले रहे हैं। होटल एसोसिएशन ऑफ इन्डिया के चेयरमैन ने कहा है कि होटल्स गेस्ट पर्सनेलाइजेशन, स्मार्ट टैक आदि पर फोकस बढ़ा रहे हैं और यह आने वाले समय की मांग भी है। हम देख रहे हैं कि देश में वैलनेस ट्यूरिज्म, एमआईसीई(मीटिंग्स, इंसेंटिव्ज, कॉन्फे्रन्स, एक्जीबीशंस), एक्सपीरियंशियल ट्रैवल का दायरा बढ़ रहा है और ऐसे में स्पेशियलाइज्ड जॉब्ज की जरूरत होगी। जैसे कि स्पा मैनेजमेंट, इवेंट प्लानिंग, सोशियल मीडिया मैनेजमेंट, लोकल एक्सपीरियंस क्यूरेशन आदि। इसके अलावा फ्रंट ऑफिस, हाउसकीपिंग, फूड एंड बेवेरेज सर्विस, गेस्ट रिलेशन आदि में भी डिमांड हाई रहने की सम्भावना है। बैक एंड पर भी डिजिटल मार्केटिंग, रेवेन्यू मैनेजमेंट, कम्यूनिकेशन, आईटी फंक्शन सेगमेंट में हायरिंग बढऩे की सम्भावना है। न्यू एज स्किल्स वाले टेलेंट की डिमांड भी हॉस्पीटेलिटी सेगमेंट में हाई रहेगी। कुल मिलाकर हॉस्पीटेलिटी सेक्टर आने वाले पांच वर्ष में आने वाली डिमांड को कैसे पूरा कर पायेगा, इसकी तैयारी की जा रही है।