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26-07-2025

50 प्रतिशत से अधिक जॉब एडवरटाइजमेंट में अब होता है सैलरी का खुलासा

  •  एक नई रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी चाहने वालों की बढ़ती अपेक्षाओं के चलते, भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियों के पोस्टों (विज्ञापन) में अब वेतन का खुलासा किया जाता है। मार्च, 2022 से जून, 2025 तक इंडीड इंडिया पर प्रकाशित नौकरियों की पोस्टों (विज्ञापन) के आधार पर, जॉब पोर्टल इंडीड की रिपोर्ट से पता चला है कि नौकरियों के पोस्टिंग (पोस्ट जो शेयर किए गए हैं) में वेतन पारदर्शिता तेजी से एक आम विशेषता बनती जा रही है। 2025 की शुरुआत में, इंडीड इंडिया पर वेतन संबंधी जानकारी वाली नौकरियों की पोस्टिंग का हिस्सा 50 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गया, जो मार्च, 2022 में केवल 26 प्रतिशत और 2023 के अंत तक 47 प्रतिशत था। यह बदलाव मुख्य रूप से नौकरी चाहने वालों द्वारा प्रेरित है जो अवसरों की तलाश करते समय स्पष्टता, निष्पक्षता और पूर्ण सूचना को महत्व देते हैं। लेकिन कुल मिलाकर वेतन पारदर्शिता में निरंतर वृद्धि के बावजूद, वेतन संबंधी जानकारी के खुलासे के मामले में कुछ सेक्टर्स और रोल्स दूसरों की तुलना में अधिक अस्पष्ट बनी हुई हैं। इंडीड इंडिया के हेड ऑफ सेल्स ने कहा कि हालांकि वेतन का जल्द खुलासा प्रतिभाओं को आकर्षित करने का एक प्रमुख कारक बनता जा रहा है, लेकिन वेतन पारदर्शिता को आदर्श बनाने के लिए अभी और काम किया जाना बाकी है। कभी इसे एक अच्छा विकल्प माना जाता था, लेकिन अब यह आधुनिक नियोक्ता ब्रांडिंग का एक प्रमुख आधार बनता जा रहा है। वास्तव में, प्रतिस्पर्धी बाजार में, पारदर्शिता शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने का नया ज़रिया है। इंडीड द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण, जिसमें 1,157 नियोक्ताओं और 2,559 नौकरी चाहने वालों और कर्मचारियों को शामिल किया गया था, से पता चलता है कि वेतन पारदर्शिता विशेष रूप से दूरस्थ और हाइब्रिड नौकरी पोस्टिंग में आम है। विभिन्न नौकरियों में वेतन पारदर्शिता में भी काफी अंतर होता है। वरिष्ठ नेतृत्व की भूमिकाएं सबसे कम पारदर्शी हैं, जहां केवल 13 प्रतिशत ही वेतन सीमा का खुलासा करती हैं। कनिष्ठ और मध्य-स्तरीय भूमिकाओं में सबसे ज़्यादा खुलासे होते हैं, जहां 32 प्रतिशत पोस्टिंग में वेतन संबंधी जानकारी शामिल होती है। इसके ठीक बाद एंट्री लेवल्स की भूमिकाएं आती हैं, जहां 28 प्रतिशत पोस्टिंग में वेतन का खुलासा होता है, जो युवा नौकरी चाहने वालों को आकर्षित करने के प्रयासों को दर्शाता है, जो पारदर्शिता को तेजी से प्राथमिकता दे रहे हैं। कई क्षेत्र अब वेतन पारदर्शिता को ज़्यादा सक्रियता से अपना रहे हैं, खासकर आईटी उत्पाद और सेवाएं, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और बीमा (बीएफएसआई), कन्सल्टेंसी, मैन्यूफैक्चरिंग, हैल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल्स, उपभोक्ता वस्तुएं एवं रिटेल सेक्टर। इन सभी उद्योगों में, अब 35 प्रतिशत नौकरी पोस्टिंग में वेतन संबंधी जानकारी शामिल होती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 62 प्रतिशत नौकरी चाहने वाले वेतन संबंधी विवरण वाली लिस्टिंग पसंद करते हैं।

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50 प्रतिशत से अधिक जॉब एडवरटाइजमेंट में अब होता है सैलरी का खुलासा

 एक नई रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी चाहने वालों की बढ़ती अपेक्षाओं के चलते, भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियों के पोस्टों (विज्ञापन) में अब वेतन का खुलासा किया जाता है। मार्च, 2022 से जून, 2025 तक इंडीड इंडिया पर प्रकाशित नौकरियों की पोस्टों (विज्ञापन) के आधार पर, जॉब पोर्टल इंडीड की रिपोर्ट से पता चला है कि नौकरियों के पोस्टिंग (पोस्ट जो शेयर किए गए हैं) में वेतन पारदर्शिता तेजी से एक आम विशेषता बनती जा रही है। 2025 की शुरुआत में, इंडीड इंडिया पर वेतन संबंधी जानकारी वाली नौकरियों की पोस्टिंग का हिस्सा 50 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गया, जो मार्च, 2022 में केवल 26 प्रतिशत और 2023 के अंत तक 47 प्रतिशत था। यह बदलाव मुख्य रूप से नौकरी चाहने वालों द्वारा प्रेरित है जो अवसरों की तलाश करते समय स्पष्टता, निष्पक्षता और पूर्ण सूचना को महत्व देते हैं। लेकिन कुल मिलाकर वेतन पारदर्शिता में निरंतर वृद्धि के बावजूद, वेतन संबंधी जानकारी के खुलासे के मामले में कुछ सेक्टर्स और रोल्स दूसरों की तुलना में अधिक अस्पष्ट बनी हुई हैं। इंडीड इंडिया के हेड ऑफ सेल्स ने कहा कि हालांकि वेतन का जल्द खुलासा प्रतिभाओं को आकर्षित करने का एक प्रमुख कारक बनता जा रहा है, लेकिन वेतन पारदर्शिता को आदर्श बनाने के लिए अभी और काम किया जाना बाकी है। कभी इसे एक अच्छा विकल्प माना जाता था, लेकिन अब यह आधुनिक नियोक्ता ब्रांडिंग का एक प्रमुख आधार बनता जा रहा है। वास्तव में, प्रतिस्पर्धी बाजार में, पारदर्शिता शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने का नया ज़रिया है। इंडीड द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण, जिसमें 1,157 नियोक्ताओं और 2,559 नौकरी चाहने वालों और कर्मचारियों को शामिल किया गया था, से पता चलता है कि वेतन पारदर्शिता विशेष रूप से दूरस्थ और हाइब्रिड नौकरी पोस्टिंग में आम है। विभिन्न नौकरियों में वेतन पारदर्शिता में भी काफी अंतर होता है। वरिष्ठ नेतृत्व की भूमिकाएं सबसे कम पारदर्शी हैं, जहां केवल 13 प्रतिशत ही वेतन सीमा का खुलासा करती हैं। कनिष्ठ और मध्य-स्तरीय भूमिकाओं में सबसे ज़्यादा खुलासे होते हैं, जहां 32 प्रतिशत पोस्टिंग में वेतन संबंधी जानकारी शामिल होती है। इसके ठीक बाद एंट्री लेवल्स की भूमिकाएं आती हैं, जहां 28 प्रतिशत पोस्टिंग में वेतन का खुलासा होता है, जो युवा नौकरी चाहने वालों को आकर्षित करने के प्रयासों को दर्शाता है, जो पारदर्शिता को तेजी से प्राथमिकता दे रहे हैं। कई क्षेत्र अब वेतन पारदर्शिता को ज़्यादा सक्रियता से अपना रहे हैं, खासकर आईटी उत्पाद और सेवाएं, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और बीमा (बीएफएसआई), कन्सल्टेंसी, मैन्यूफैक्चरिंग, हैल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल्स, उपभोक्ता वस्तुएं एवं रिटेल सेक्टर। इन सभी उद्योगों में, अब 35 प्रतिशत नौकरी पोस्टिंग में वेतन संबंधी जानकारी शामिल होती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 62 प्रतिशत नौकरी चाहने वाले वेतन संबंधी विवरण वाली लिस्टिंग पसंद करते हैं।


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