देश के हॉस्पीटेलिटी सेक्टर में मजबूत ग्रोथ देखी जा रही है। सप्लाई सर्किट मजबूत होने का असर है कि वर्ष 2028 तक इंडियन ट्रैवल एंड ट्यूरिज्म इंडस्ट्री 512 बिलियन यूएसडी पर पहुंचने की सम्भावना है। देश में होटल रूम्स की डिमांड सप्लाई ग्रोथ को आउटपेस कर रही है। ऐसे में सप्लाई चेन को अभी से और बेहतर बनाने की जरूरत है। जिस प्रकार से डोमेस्टिक ट्यूरिस्ट का फ्लो पोस्ट कोविड बढ़ा है, उससे हॉस्पीटेलिटी सेक्टर में उत्तोतर वृद्धि की उम्मीद नजर आ रही है। सप्लाई ग्रोथ को देखें तो यह 8.3 प्रतिशत है, जबकि होटल डिमांड ग्रोथ 11.6 प्रतिशत है। इस अंतर से आप समझ सकते हैं कि डिमांड और सप्लाई का गैप ज्यादा हैै। वर्ष 2023 से 2027 के बीच डिमांड सप्लाई गैप को चित्र में भी देख सकते हैं। डिमांड सप्लाई में गैप टोटल ब्राण्डेड रूम प्रति एक हजार लोगों पर देखें तो भारत में सबसे कम यानि केवल 0.1 प्रतिशत है। जबकि दुनिया में 2.7 प्रतिशत है। अमेरिका में 16.3 प्रतिशत, चीन में 2.8 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2025 के फस्र्ट हाफ में 64 प्रॉपर्टीज में 5317 रूम्स की ओपनिंग हुई जबकि 167 प्रॉपर्टीज में करीब 19090 रूम्स के लिये साइनिंग हुई है। देश में लीजर ट्रेवलिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है और ऐसे में इस सेगमेंट के लिये रूम संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है। लीजर ट्रैवल बढ़ रहा देश में लीजर ट्रैवल बढ़ रहा है। नॉर्थ इन्डिया और गोवा में वर्ष 2023 में लीजर ट्रैवल राइज पर रहा और ऐसे में होटल की कमी खली। इमर्जिंग ट्रैवल ट्रेंड्स पर गौर करें तो इन्डियंस ट्रैवल पर ज्यादा स्पेंड कर रहे हैं। वे हैप्पी टै्रवल मेमोरीज साथ ले जाने के लिये उत्साहित रहते हैं। कन्ज्यूमर ट्रैवल प्रिफरेंस बदलाव के दौर से गुजर रहा है। वे अब केवल पिक्चर्स क्लिक करने ही नहीं रिलेक्सेशन, लर्निंग, ट्रेनिंग, माइंडफुलनैस, योग, रीजूवीनेशन के लिये भी लीजर ट्रेवल पर जाते हैं। इसीलिये सरकार का फोकस ट्रैवल एंड हॉस्पीटेलिटी सेगमेंट पर बढ़ रहा है। वर्ष 2047 तक 100 मिलियन इंटरनेशनल ट्यूरिस्ट का टारगेट किया जा रहा है जो कि एक ट्रिलियन ट्यूरिज्म इकोनॉमी के विजन को साकार करने में सहयोगी बनेंगे। ट्यूरिज्म पॉलिसी को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि वर्ष 2030 तक इन्डिया टॉप 5 ग्लोबल ट्यूरिस्ट डेस्टीनेशंस में से एक हो। यह भी देखा जा रहा है कि कॉर्पोरेट एमआईसीई, लार्ज साइज वेडिंग्स की संख्या बढ़ रही है। इससे रेवेन्यू जैनरेशन इनक्रीज को रहा है। इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री करीब 3.68 ट्रिलियन डॉलर की है और तेजी से बढ़ रही है। देश के ट्रैवल ट्रेंड इस बात को भी बता रहे हैं कि ट्रैवलर्स अब अपने एक्सपीरियंस को एनरिच करना पसंद करते हैं। इसलिये बूटिक होटल्स, एक्सपीरियंशियल होटल और लग्जरी रही हैं।