इंडियन ट्रैवलर्स अब स्किल, लर्निंग, ट्रेनिंग, सर्टीफिकेशन बेस्ड हॉलीडेज पर जाना पसंद कर रहे हैं। कहने का मतलब यह है कि वे अपने ट्रिप को एक मतलब से जोडऩा चाहते हैं, ताकि ऐसा न लगे कि उन्होंने समय की बर्बादी कर दी है। इससे ट्रेवल ऑपरेटर्स को कस्टमाइज्ड पैकेजेज डिजाइन करने का अवसर मिल रहा है, जिसमें लीजर के साथ लर्निंग बेस भी हो। कॉक्स एंड किंग्ज के अनुसार यह सेगमेंट आने वाले तीन-पांच वर्ष में 15 से 20 प्रतिशत की दर से बढऩे की सम्भावना रख रहा है। इस प्रकार का ट्रिप 10-12 दिन से एक माह तक का हो सकता है। लर्निंग ट्यूरिज्म नीश सेगमेंट है लेकिन ट्रेवल कम्पनियां जैसे इजीमायट्रिप, कॉक्स एंड किंग्ज चालू वर्ष में इस श्रेणी के ट्रेवलर्स बढऩे की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरी ओर थॉमस कुक और एसओटीसी ट्रेवल के अनुसार पोस्ट-कोविड इस प्रकार के स्पेशियलाज्ड पैकेजेज की डिमांड बढ़ रही है। कस्टमर की जरूरत के अनुसार इस प्रकार के पैकेज डिजाइन किये जा रहे हैं। ऐसी फैमिलीज हैं जो यूरोप के लिये ‘कल्चरल’ ट्रिप बुक करती है। प्रोफेशनल्स हॉलीडेज को शॉर्ट एक्जीक्यूटिव कोर्सेज के साथ कम्बाइन कर लेते हैं। सीनियर सिटीजंस हेरिटेज वर्कशॉप को शामिल कर पैकेज डिजाइन करवाते हैं। यह ट्रेंड ग्लोबल लेवल पर ‘एज्यू ट्यूरिज्म’ के नाम से पापूलर है और भारतीयों के बीच भी अब धीरे-धीरे जोर पकडऩे लगा है। कॉक्स एंड किंग्ज के डायरेक्टर ने कहा है कि एज्यूकेशनल ट्यूर देश में पसंद किये जाने लगे है। पर्यटक नया एक्सप्लोर करने के लिये ऐसे पैकेज डिजाइन करवा रहे हैं। थॉमर्स कुक के अनुसार कुल पापूलर कोर्सेज में पेरिस में ली कॉर्डन ब्ल्यू इन्स्टीट्यूट में सर्टीफिकेशन कोर्स शामिल है। कॉस्टिंग तीन लाख रुपये है और यह छह रात का पैकेज है। इसी प्रकार अंडामन, मालदीव, मलेशिया, श्रीलंका में स्कूबा डाइविंग एंड सर्फिंग प्रोग्राम्स ऑर्गेनाइज किये जाते हैं। सात रात का पैकेज करीब 80,000 रुपये से 1,50,000 रुपये तक का रहता है। कुछ कुजीन मेकिंग लवर्स जापानी शैफ से सुशी (राइस रेसीपी)मेकिंग वर्कशॉप अटेंड करने के लिये भी जाते हैं। एसओटीसी ट्रेवल के अनुसार कुछ लोग प्राइवेट आर्चरी सीखने के लिये स्कॉटलैंड जाते हैं।
पांच दिन और चार रात का कैसल स्टे पैकेज इसके तहत होता है। यही नहीं पेरिस और सिंगापुर में परफ्यूम मेकिंग वर्कशॉप, स्कॉटलैंड में वाइन टेस्टिंग सेशन, कोरिया में ब्यूटी सेशन, वर्कशॉप अटेंड करने के लिये भी कस्टमाइज पैकेज लिये जाते हैं। डोमेस्टिक लेवल पर ऋषिकेश में ट्रेवलर्स योग, वैलनेस लर्निंग एक्सपीरियंस के लिये जाते हैं। यह तो भारतीयों के बीच बेहतर लोकप्रिय है। इजीमायट्रिप के सीईओ और को-फाउंडर के अनुसार वाराणसी, ऋषिकेश, राजस्थान, केरल, नॉर्थ ईस्ट के राज्य संस्कृति, क्राफ्ट्स आदि लवर्स के लिये बेहतर लोकप्रिय हैं। कई प्रकार की कला को सीखने के लिये, समझने के लिये पर्यटक राज्यों की सैर पर जाते हैं। आप इस तरह से समझ सकते हैं कि आज इंडियन ट्रेवलर्स अपने साथ केवल फोटो या शॉपिंग कर समान नहीं लाते बल्कि स्टोरीज, अचीवमेंट, सर्टीफिकेट्स, स्किल्स भी लाते हैं। कुछ तो बॉडी रिलेक्सेशन, रीजूवेशन, डी-टॉक्सीफीकेशन के लिये सात से पन्द्रह दिन का ट्रिप प्लान करते हैं। इस ट्रिप में उनका टारगेट मेंटल एंड फिजिकल हैल्थ की बेहतरी होती है। कुछ एडवेंचर लवर्स ऑस्ट्रेलिया, मॉरिशस, स्कॉटलेंड आदि देशों में बंजी जम्पिंग, स्काई डाइविंग, स्कूबा डाइविंग आदि सीखने के लिये जाते हैं, ताकि परफेक्ट ट्रेनर्स बन सकें। यह भी एक प्रकार का ट्यूरिज्म ही है। कई लोग डिशेज बनाने में परफेक्शन पाने की ललक से पसंदीदा देशों की यात्रा करते हैं। तो हम यह कह सकते हैं कि अब इंडियन ट्रेवलर्स के लिये हॉलीडे ट्रिप कई नये आयामों से जुड़ रही है।