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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

16-05-2025

बिना सोचे-समझे ‘Click’ न करें

  •  सोचिए कि आज आपने कितने काम ऑनलाइन किए हैं। बिल का भुगतान किया? अपने बैंक अकाउंट में ‘लॉग इन’ किया? सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया या ईमेल का जवाब देने में समय बिताया? हो सकता है कि आपने सुपरमार्केट या ट्रेन स्टेशन पर भुगतान करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल किया हो। हम सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह बुरी बात नहीं है लेकिन इन सभी सुविधाओं के साथ एक जोखिम भी बढ़ रहा है जिसके लिए कई लोग तैयार नहीं हैं वह है साइबर अपराध। ऑस्ट्रेलियाई साइबर सुरक्षा केंद्र की साइबर खतरे संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023-2024 में साइबर अपराध की 87,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। यानी हर छह मिनट में एक शिकायत दर्ज की गई। बहुत से लोगों को जब तक ‘हैकिंग’ या धोखे का शिकार होने का पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है। ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता आयोग द्वारा संचालित ‘स्कैमवॉच’ ने इस साल की शुरुआत में खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलिया के लोगों को केवल 2024 में इन साइबर घोटालों के कारण लगभग 31 करोड़ 90 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का नुकसान हुआ। इस बढ़ती समस्या का एक बड़ा कारण ‘डिजिटल स्वच्छता’ का अभाव है। पहली बात कि ‘डिजिटल स्वच्छता’ वास्तव में क्या है? जैसे मंजन करने से दांत साफ रहते हैं, वैसे ही डिजिटल स्वच्छता आपके ऑनलाइन जीवन को साफ एवं सुरक्षित रखने और नुकसान से बचाने के लिए जरूरी है। यह एक आसान सी बात है- प्रौद्योगिकी का उपयोग करते समय आपकी आदतें जितनी बेहतर होंगी, धोखाधड़ी करने वालों या ‘हैकर’ के लिए आपको धोखा देना या आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचना उतना ही कठिन होगा। इसका मतलब है कि आप क्या साझा कर रहे हैं, आप किस पर भरोसा कर रहे हैं और आपके उपकरण कैसे सेट किए गए हैं, इसके बारे में जागरूक होना जरूरी है। 

    आपको खुद को कैसे सुरक्षित रखना चाहिए? अच्छी खबर यह है कि ऑनलाइन स्वच्छता रखने के लिए आपको कंप्यूटर विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है। आप नीचे दिए गए पांच सरल एवं व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं-
    1. कोई भी लिंक ‘क्लिक’ करने से पहले रुकें और सोचें।
    2. मजबूत, अनोखे पासवर्ड का उपयोग करें। 
    3. विभिन्न तरीके से प्रमाणीकरण की व्यवस्था करें।
    4. अपने ऐप्लीकेशन और उपकरण को अपडेट करें।
    5. आप सचेत होकर कंटेंट साझा करें।
    डिजिटल स्वच्छता कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हम ईमेल, ‘गु्रप चैट’, वर्कस्पेस और सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हुए हैं। एक कमजोर कड़ी दूसरों को जोखिम में डाल सकती है। अपने परिवार एवं दोस्तों से धोखाधड़ी के खतरों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में बात करें। हम इस बारे में जितना अधिक बात करेंगे, डिजिटल स्वच्छता उतनी ही बढ़ेगी। अगर आपको हैक किया गया है, तो साइबर सुरक्षा केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करें। उदाहरण के लिए, आपको अपने सभी पासवर्ड और पासकोड बदलने चाहिए और अपने कंप्यूटर पर मैलवेयर को स्कैन करने के लिए सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना चाहिए। जिस तरह कोविड-19 महामारी के दौरान हाथ धोना दूसरी प्रकृति बन गया है, उसी तरह अपने ऑनलाइन जीवन को साफ रखना एक आदत होनी चाहिए, न कि यह बाद में सोचा जाने वाला विचार होना चाहिए।
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बिना सोचे-समझे ‘Click’ न करें

 सोचिए कि आज आपने कितने काम ऑनलाइन किए हैं। बिल का भुगतान किया? अपने बैंक अकाउंट में ‘लॉग इन’ किया? सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया या ईमेल का जवाब देने में समय बिताया? हो सकता है कि आपने सुपरमार्केट या ट्रेन स्टेशन पर भुगतान करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल किया हो। हम सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह बुरी बात नहीं है लेकिन इन सभी सुविधाओं के साथ एक जोखिम भी बढ़ रहा है जिसके लिए कई लोग तैयार नहीं हैं वह है साइबर अपराध। ऑस्ट्रेलियाई साइबर सुरक्षा केंद्र की साइबर खतरे संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023-2024 में साइबर अपराध की 87,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। यानी हर छह मिनट में एक शिकायत दर्ज की गई। बहुत से लोगों को जब तक ‘हैकिंग’ या धोखे का शिकार होने का पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है। ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता आयोग द्वारा संचालित ‘स्कैमवॉच’ ने इस साल की शुरुआत में खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलिया के लोगों को केवल 2024 में इन साइबर घोटालों के कारण लगभग 31 करोड़ 90 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का नुकसान हुआ। इस बढ़ती समस्या का एक बड़ा कारण ‘डिजिटल स्वच्छता’ का अभाव है। पहली बात कि ‘डिजिटल स्वच्छता’ वास्तव में क्या है? जैसे मंजन करने से दांत साफ रहते हैं, वैसे ही डिजिटल स्वच्छता आपके ऑनलाइन जीवन को साफ एवं सुरक्षित रखने और नुकसान से बचाने के लिए जरूरी है। यह एक आसान सी बात है- प्रौद्योगिकी का उपयोग करते समय आपकी आदतें जितनी बेहतर होंगी, धोखाधड़ी करने वालों या ‘हैकर’ के लिए आपको धोखा देना या आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचना उतना ही कठिन होगा। इसका मतलब है कि आप क्या साझा कर रहे हैं, आप किस पर भरोसा कर रहे हैं और आपके उपकरण कैसे सेट किए गए हैं, इसके बारे में जागरूक होना जरूरी है। 

आपको खुद को कैसे सुरक्षित रखना चाहिए? अच्छी खबर यह है कि ऑनलाइन स्वच्छता रखने के लिए आपको कंप्यूटर विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है। आप नीचे दिए गए पांच सरल एवं व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं-
1. कोई भी लिंक ‘क्लिक’ करने से पहले रुकें और सोचें।
2. मजबूत, अनोखे पासवर्ड का उपयोग करें। 
3. विभिन्न तरीके से प्रमाणीकरण की व्यवस्था करें।
4. अपने ऐप्लीकेशन और उपकरण को अपडेट करें।
5. आप सचेत होकर कंटेंट साझा करें।
डिजिटल स्वच्छता कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हम ईमेल, ‘गु्रप चैट’, वर्कस्पेस और सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हुए हैं। एक कमजोर कड़ी दूसरों को जोखिम में डाल सकती है। अपने परिवार एवं दोस्तों से धोखाधड़ी के खतरों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में बात करें। हम इस बारे में जितना अधिक बात करेंगे, डिजिटल स्वच्छता उतनी ही बढ़ेगी। अगर आपको हैक किया गया है, तो साइबर सुरक्षा केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करें। उदाहरण के लिए, आपको अपने सभी पासवर्ड और पासकोड बदलने चाहिए और अपने कंप्यूटर पर मैलवेयर को स्कैन करने के लिए सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना चाहिए। जिस तरह कोविड-19 महामारी के दौरान हाथ धोना दूसरी प्रकृति बन गया है, उसी तरह अपने ऑनलाइन जीवन को साफ रखना एक आदत होनी चाहिए, न कि यह बाद में सोचा जाने वाला विचार होना चाहिए।

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