वर्ष 2030 तक डिजिटल कॉमर्स की वैल्यू पांच गुना बढक़र 320-340 बिलियन डॉलर पर पहुंच सकती है। इसमें अहम् योगदान ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स(ओएनडीसी) का रह सकता है। वर्ष 2022 में 60-70 बिलियन डॉलर का रहा था। गौरतलब है कि ओएनडीसी सरकार से प्रायोजित प्लेटफॉर्म है और इसे वर्ष 2022 में लांच किया गया था। यह बायर्स और सेलर्स को ऑनलाइन लेवल पर कनेक्ट करता है। मेकेंसी एंड कम्पनी के शोध में यह प्रोजेक्शन किया गया है। शोध के अनुसार फैशन और लाइफस्टाइल में डिजिटल कॉमर्स 11-13 बिलियन डॉलर से बढक़र 80-82 बिलियन डॉलर पर पहुंच सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्यूरेबल्स 24-26 बिलियन डॉलर के तीन गुना बढक़र 70-72 बिलियन डॉलर पर पहुंचने की सम्भावना है। ग्रॉसरी सेक्टर वर्ष 2022 के चार-पांच बिलियन डॉलर से ग्यारह गुना बढक़र 50-55 बिलियन डॉलर पर पहुंचने की सम्भावना है। कहने का मतलब यह है कि टोटल डिजिटल कॉमर्स में उपरोक्त श्रेणियों की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत के करीब रह सकती है। फूड एंड बेवेरेजेज का कन्जम्पशन पांच से छह गुना बढक़र 30-32 बिलियन डॉलर पर पहुंचने की सम्भावना है। एंटरटेंमेंट सेगमेंट जिसमें गेमिंग, ओटीटी, फिल्म और टेलीविजन के छह गुना बढक़र 17-19 बिलियन डॉलर पर पहुंचने की सम्भावना है। मैकेंसी ने हॉस्पीटेलिटी में डिजिटल कन्जम्पशन ढाई गुना बढऩे की सम्भावना जताई है। वर्ष 2022 से 2030 के बीच का यह प्रोजेक्शन है। इसके अलावा फार्मा सेगमेंट में आठ से दस गुना ग्रोथ की सम्भावना है। शोध में यह बताया गया है कि यह ग्रोथ वाइबे्रंट डिजिटल इकोनॉमी ग्रोथ के कारण नजर आयेगी। वर्ष 2024 में देश में स्मार्टफोन नम्बर्स ने एक बिलियन को क्रॉस किया था और चालू वर्ष में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 900 मिलियन यानि नौ करोड़ को पार कर जाने की उम्मीद है। शोध के अनुसार ग्लोबल इंटरनेट ट्रांजेक्शंस में चालीस प्रतिशत शेयर डिजिटल कनेक्टेड कन्ज्यूमर्स को होगा। रिसर्च यह भी बता रही है कि भारत ने वल्र्ड में बिजनेस हब बनने का सपना देखा है। 2021 से 2023 के मध्य करीब 984 इंटरनेशनल कम्पनियों ने इन्डिया ऑपरेशंस के लिये रजिस्टर किया है। यह संख्या 2019 से 2021 के बीच 320 थी। देश में करीब 1500 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स हैं और गत तीन से पांच वर्ष में 250 का एडीशन हुआ है। शोध के अनुसार देश के निवासियों की एवरेज स्पेंडिंग बढ़ रही है। 2021 में जो 271 डॉलर थी वह 2023 में बढक़र 705 डॉलर हो गई। कुल मिलाकर संकेत तो यह मिल रहे हैं कि ओएनडीसी का योगदान देश की डिजिटल कॉमर्स ग्रोथ में काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।