देश के वैलनेस स्टार्टअप्स वेट लॉस बैंडवेगन पर सवार हैं। ऐसे सप्लीमेंट्स को लांच कर रहे हैं जो वेट लॉस में ब्लॉकबस्टर साबित हो रहे हैं। ओजेम्पिक और मोनजारो से मुकाबला किया जा रहा है। द गुड बग, वैलबीइंग न्यूट्रीशन, वीरा हैल्थ ऐसे स्टार्टअप्स हैं, जो ऐसे प्रोडक्ट्स को लांच कर रहे हैं। दावा यह है कि यह प्राकृतिक तरीके से जीएलपी-1 हॉर्मोन को स्टीमूलेट करता है। सप्लीमेंट को सस्ता और एसेसेबल आल्टरनेटिव बताकर मार्केट किया जा रहा है। वेट लॉस इन्जेक्शन की तुलना में इन्हें लेना आसान है। दावा यह भी किया जाता है कि यह भूख को कम करने, गट हैल्थ और मेटाबॉलिक डिस्ऑर्डर को रेगूलेट करते हैं। गत माह अमेरिका फार्मा कम्पनी एली लिलि ने देश में मोनजारो नामक वेट लॉस इन्जेक्शन लांच किया था। सप्ताह में इसे एक बार लगवाना होता है। वीरा हैल्थ, इस स्टार्टअप की शुरूआत जब हुई तो यह पीसीओएस के लिये सॉल्यूशंस ऑफर करती थी। यह महिलाओं में होने वाला कॉमन हार्मोनल डिस्ऑर्डर है। प्रोडक्ट लांच के तीन माह में ही बेस्ट सैलर बन गया। देश में इस समस्या से ग्रसित लड़कियों की कमी नहीं है, ऐसे में प्रोडक्ट को अच्छा समर्थन मिला। वीरा हैल्थ को-फाउंडर के अनुसार भारत मोटापे के मामले में विश्व में तीसरे नम्बर पर है। अमेरिका और चीन के बाद ही भारत का नम्बर आ रहा है। ऐसे में मार्केट में वेट लॉस सप्लीमेंट्स की डिमांड काफी बढ़ रही है। इस एरिया में काम करने की जरूरत है।
द गुड बग भी गट हैल्थ सॉल्यूशंस ऑफर कर रही है। स्टार्टअप सीईओ के अनुसार नेचुरल जीएलपी-1 सप्लीमेंट को हाल ही में लांच किया गया है। कम्पनी स्वयं को साइंस और आरएंडडी कम्पनी के रूप में पोजीशन करती है। एक और स्टार्टअप वैलबीइंग न्यूट्रीशन के फाइबर सप्लीमेंट को अच्छी डिमांड मिली है। गत वर्ष इसे लांच किया गया था। कम्पनी जून माह में नेचुरल जीएलपी-1 बूस्टर सप्लीमेंट लांच करने की योजना बना रही है। वेट लॉस प्रोडक्ट्स टोटल रेवेन्यू में दो से तीन प्रतिशत योगदान कर रहे हैं और कम्पनी कैटेगरी को एक्सपेंड करना चाहती हैं। आगामी वर्ष तक यह श्रेणी 10 से 12 प्रतिशत योगदान दे पाये, इसकी तैयारी की जा रही है। मैनेजमेंट कन्सल्टिंग फर्म कर्नी की 2024 रिपोर्ट के मुताबिक देश का न्यूट्रास्यूटिकल्स मार्केट करीब 8 बिलियन डॉलर का है। इसमें से विटामिन, मिनरल्स, सप्लीमेंट मार्केट (ब्यूटी, वेट लॉस एंड हैल्दी लाइफस्टाइल) ही हिस्सेदारी 1.7 बिलियन डॉलर के करीब है। फंक्शनल फूड एंड बेवेरेजेज(प्रोटीन ड्रिंक, प्रोबायोटिक बेवेरेजेज आदि) मार्केट करीब 6.3 बिलियन डॉलर का है। सेगमेंट में एफएमसीजी कम्पनियां, फार्मा कम्पनियां, स्टार्टअप्स और डी2सी वेंचर्स सक्रिय हैं। स्टार्टअप्स स्वयं को आल्टरनेटिव्ज के रूप में पोजीशन कर रहे हैं। द गुड बग सीईओ के अनुसार सप्लीमेंट्स अफोर्डेबल हैं। जैसे उन्होंने एक माह के लिये दो हजार रुपये का प्राइस पॉइंट रखा है। जीएलपी-1 ड्रग की तुलना में यह सस्ता है। मोनजारो से तुलना करें तो पांच एमजी डोज करीब 17,500 रुपये में आती है, जो एक माह का खर्च है। इसका साइड इफेक्ट भी है। जैसे कि नॉसिया, डायरिया, भूख की कमी, वॉमिट, खाना न पचना, कब्ज, पेट में दर्द आदि हो सकते हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में हैल्थ सप्लीमेंट्स को फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड्स ऑथोरिटी ऑफ इन्डिया(एफएसएसएआई) रेगूलेट करता है।