इंडियन एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को चालू वित्त वर्ष (2025-26) में सालाना आधार पर 18-20 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि यह वृद्धि यात्रियों की संख्या में निरंतर सुधार और शुल्क वृद्धि के साथ-साथ गैर-वैमानिकी राजस्व में वृद्धि के कारण है। साथ ही, इक्रा का अनुमान है कि कुल हवाई यात्री यातायात सालाना आधार पर सात से नौ प्रतिशत की अच्छी वृद्धि के साथ चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 44-45 करोड़ तक पहुंच जाएगा। हालांकि, हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 में इसमें लगभग 10 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि हुई है। इक्रा के अनुसार, गत वित्त वर्ष (2024-25) में कुल यात्री यातायात (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) 41.2-41.5 करोड़ रहने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसका अनुमान हवाई अड्डों के एक नमूना सेट पर आधारित है, जिसमें भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा प्रबंधित और संचालित हवाई अड्डों के साथ-साथ दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे शामिल हैं, जिनका सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत परिचालन किया जाता है। इसके अलावा, कुछ हवाई अड्डों के सामने क्षमता संबंधी बाधाओं को देखते हुए, इस क्षेत्र में पर्याप्त पूंजीगत व्यय जारी रहेगा। इक्रा के अनुसार, अगले चार-पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है, जिसमें जेवर (नोएडा), नवी मुंबई (महाराष्ट्र), भोगपुरम (आंध्र) परंदूर (चेन्नई) जैसे नए हवाई अड्डे शामिल हैं।