सूक्ष्म और लघु व्यवसायों के लिए ऋण वृद्धि मई, 2024 के 15.5 प्रतिशत से घटकर नवंबर, 2024 में 10.1 प्रतिशत रह गई है। एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, बड़े व्यवसायों के मामले में, ऋण वृद्धि स्थिर रही, जबकि मध्यम आकार की फर्मों के लिए यह नवंबर में बढक़र 20 प्रतिशत हो गई, जो जून में 12.6 प्रतिशत थी। यूग्रो कैपिटल और डन एंड ब्रैडस्ट्रीट द्वारा द्विवार्षिक एमएसएमई संपर्क रिपोर्ट के तीसरे संस्करण में यह जानकारी दी गई है। यह सर्वेक्षण सात क्षेत्रों में वर्ष 2021-2024 के दौरान 45,000 से अधिक उद्यमों के विश्लेषण पर आधारित है। इसमें कहा गया कि विश्लेषण में शामिल 45,000 से अधिक एमएसएमई में से, लाइट इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण और रासायनिक क्षेत्र वर्ष 2024 की पहली तीन तिमाहियों में सबसे बड़े उधारकर्ता के रूप में उभरे हैं। दिलचस्प बात यह है कि गत छह महीनों में, वाहन कलपुर्जा और आतिथ्य क्षेत्र को छोडक़र बी2सी व्यवसायों ने बी2बी व्यवसायों की तुलना में कम नया कर्ज लिया है। उद्यम-पंजीकृत एमएसएमई में ऋण वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 61 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 22 प्रतिशत रह गई। 2023-24 में यह मामूली रूप से बढक़र 23 प्रतिशत हो गई। एक बयान में कहा गया कि वर्ष 2024 में ऋण वितरण में कमी आई है, लेकिन कार्यशील पूंजी ऋण में वृद्धि अल्पकालिक वित्तपोषण पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है। यह बदलाव आर्थिक अनिश्चितता के बीच दीर्घकालिक योजना बनाने में व्यवसायों के सामने आने वाली चुनौतियों को बताता है। इसने आगे कहा, लगभग 64 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) ने महामारी के बाद परिचालन गतिविधियों को फिर से शुरू किया, जिसमें 54 प्रतिशत ने साल-दर-साल 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की, जो इस क्षेत्र की मजबूत गति को रेखांकित करता है। यूग्रो कैपिटल के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि हम हाल की तिमाहियों में कुल ऋण वितरण में कमी देखते हैं, यह प्रवृत्ति पूरे उद्योग में अधिक रुढ़िवादी ऋण प्रथाओं को दर्शाती है। हालांकि, इसे सख्त जोखिम आकलन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, लेकिन यह एनबीएफसी के लिए ऋण अंतर को पाटने में अधिक रणनीतिक भूमिका निभाने का अवसर भी प्रस्तुत करता है।