बिजनेस को विस्तार देने के टारगेट के साथ प्रमुख होटल ब्राण्ड चेंस देश के इंडस्ट्रियल टाउंस को फोकस कर रहे हंै। बिग हॉस्पीटेलिटी ब्राण्ड्स जैसे थाईलैंड बेस्ड दुसित गु्रप, सरोवर होटल्स, ट्रीबो ने श्रीपेरमबुदूर, भिवाड़ी, नासिक और धोलेरा जैसे माइक्रो मार्केट्स का रुख करने का विचार कर रहे हैं। इंडस्ट्री एक्जीक्यूटिव्ज के अनुसार फैक्ट्री टाउंस में इस प्रकार के विस्तार से ज्यादा लोगों को रोजगार तो मिलता ही है, यह ग्लोबल बिजनस लीडर्स को भी आकर्षित करते हैं। चीन के बाद भारत आल्टरनेटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में आगे आ रहा है। विशेष रूप से अमेरिकी सरकार द्वारा लगाये गये नये टैरिफ के बाद तो स्थितियों पर गौर ज्यादा ही करने की जरूरत है। सरोवर होटल्स के सीईओ जतिन खन्ना के अनुसार वे इंडस्ट्रियल हब श्रीपेरमबुदूर में सरोवर पोर्टिको को पेश कर रहे हैं। यह माइक्रो मार्केट है लेकिन यहां पर काफी डिमांड है। आने वाले करीब दो माह में यह होटल लांच हो जायेगा। होटल करीब 2.5 एकड़ में स्थित है और इसमें 156 कमरे हैं। कॉन्फे्रंस हॉल, मीटिंग एरिया, रेस्तरां, स्पा, जिम, पूल आदि सुविधाएं भी हैं। हॉस्पीटेलिटी सेगमेंट की प्रमुख मेरियट इंटरनेशनल ने हाल ही में स्मार्टहोम्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ पार्टनरशिप की है। इसके तहत धोलेरा में पंचसितारा होटल बनाया जायेगा। 200 कमरों वाले होटल का नाम कोर्टयार्ड ब्राण्ड नाम से हो सकता है। यह धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास प्रस्तावित है। राज्य सरकार और केन्द्र सरकार दोनों ही फैक्ट्री टाउंस में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करने को प्रोत्साहन दे रही है। थाई हॉस्पीटेलिटी चेन दुसित ने टीयर टू और थ्री मार्केट्स में ग्रोथ करने का टारगेट रखा है। अंडरसर्वड मार्केट्स में वे छह होटल लांच करने का विचार कर रहे हैं। रायपुर और भिवाड़ी में ब्रांडेड होटलों की डिमांड बढ़ रही है और इसलिये यहां पर प्रवेश का कार्यक्रम है। उल्लेखनीय है कि ब्राण्डेड होटल्स की कमी के चलते इंटरनेशनल कस्टमर्स गुरुग्राम स्टे के लिये चले जाते हैं। ट्रीबो हॉस्पीटेलिटी वेंचर्स ट्रीबो बजट ब्राण्ड की पेरेंट कम्पनी है। वे मेडालियॉन नाम से मिड-स्केल ब्राण्ड को फैक्ट्री टाउंस में लाने का विचार कर रहे हैं। ट्रीबो का करीब 30 प्रतिशत पोर्टफोलियो छोटे शहरों में है। आने वाले वर्षों में पांच से सात सौ मिड-स्केल होटल लाये जायेंगे। टीएचवी के को-फाउंडर और सीईओ के अनुसार इकोनॉमी सेगमेंट में करीब एक लाख होटल हैं लेकिन यह सब अनऑर्गेनाइज्ड हैं। वे आने वाले एक दशक में दो से तीन प्रतिशत का शेयर लेने का लक्ष्य कर रहे हैं। नासिक, सिलिगुड़ी, हरिद्वार,त्रिसुर, चंद्रपुर में काफी सम्भावनाएं हैं। चालीस प्रतिशत पोर्टफोलियो देश के मैट्रो शहरों में है लेकिन वे छोटे शहरों में भी विस्तार के इच्छुक हैं। नागपुर में टीएचवी के 23 होटल हैं। ऑक्यूपेंसी करीब 70 प्रतिशत रहती है। इन शहरों में स्पेशियल इकोनॉमिक जोन, हाइवे, इंडस्ट्रियल कोरिडोर आ रहे हैं। नागपुर वेयरहाउसिंग हब है और अब इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का भी हब बन रहा है। ऐसे में ट्रेड ड्रिवन इकोनॉमी यहां पर बढ़ रही है। ऑक्यूपेंसी और अपॉच्र्यूनिटी को लेकर यहां का मार्केट काफी अवसर दे रहा है।