TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

24-01-2025

ग्लोबली डंका बजा रहे हैं देसी DwC ब्रांड्स

  •  इंडियन स्नेक्स की डिमांड विदेशों में काफी ज्यादा है। यही कारण है कि देश के डी2सी स्नैक्स ब्राण्ड्स जैसे गो देसी, बियांड स्नेक और स्वीट करम कॉफी इंटरनेशनल मार्केट्स में बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं। हल्दीराम, बीकानेरवाला, बालाजी वेफर्स, प्रताप स्नेक्स, बीकाजी फूड्ज जैसे दिग्गजों के बीच इन डी2सी स्नेक्स ने अपना स्पेस बनाया है। विदेशों में प्रवास करने वाले भारतीय अपने रीजनल खाने के टेस्ट से जुड़े रहना चाहते हैं और इसलिये भी फूड प्रोडक्ट्स की मांग वहां पर बेहतर है। स्वीट करम कॉफी को-फाउंडर नलिनी परथीबान के अनुसार अभी वे शुरूआती लेवल पर हैं। चालू वर्ष में इंटरनेशनल मार्केट उनके लिये फोकस एरिया रहने वाला है। चेन्नई बेस्ड स्टार्टअप फिल्टर कॉफी, साउथ इंडियन स्वीट्स, स्नेक्स की कुछ वैरायटी ऑफर करती है। ब्राण्ड करीब 32 देशों के लिये शिपिंग कर रहा है और इससे वहां प्रवास करने वाली साउथ इंडियन कम्यूनिटी को रीजनल स्नेक्स का टेस्ट मिल पा रहा है। न्यू ऐज डी2सी ब्राण्ड्स हैल्दी स्नेक्स विकल्पों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा मॉर्डन पैकेजिंग और मजबूत ब्राण्डिंड पर फोकस है। मसलन स्वीट करम कॉफी पाम ऑइल, प्रीजरवेटिव्ज और रिफाइंड आटे का उपयोग नहीं करता है। इसलिये देशी विदेशी कन्ज्यूमर्स प्रोडक्ट्स के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। लीगेसी ब्राण्ड्स का फोकस प्रोडक्ट पर ज्यादा है लेकिन डी2सी ब्राण्ड्स प्रोडक्ट्स के अलावा कस्टमर के साथ बेहतर कनेक्शन बनाने पर भी बल दे रहे हैं। सोशियल मीडिया इस स्ट्रेटजी में बेहतर रोल प्ले कर रहा है। डी2सी ब्राण्ड्स सीधे कन्ज्यूमर्स से जुड़ पा रहे हैं और उनमें ब्राण्ड लॉयल्टी बिल्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। केरल बेस्ड बियांड स्नेक, जिसे बनाना चिप्स के लिये पहचाना जाता है, ने ऑथेंटिक फ्लेवर्स पर बल दिया है। वर्तमान में वह बारह देशों, जिनमें ब्रिटेन, अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल हैं, में बिक्री कर रही है। ट्रेडीशनल ट्रेड चैनल्स के अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के माध्यम से बिक्री की जा रही है। रेवेन्यू में इंटरनेशनल सेल्स करीब 5-8 फीसदी का योगदान कर रही है। गौरतलब है कि बियांड स्नेक ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के साथ कोलेबोरेशंस को एक्सप्लोर कर रही है। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार ग्लोबली इंडियन स्नेक्स स्पेस के लिये ग्रोथ के विपुल अवसर हैं। डेटम इंटेलीजेंस के अनुसार वर्ष 2022 में इंडियन सेवोरीज और स्वीट्स मार्केट करीब 17.5 बिलियन डॉलर का था, वर्ष 2026 में यह बढक़र 25 बिलियन डॉलर हो जाने की सम्भावना है। इसमें से सेवोरी स्नेक्स का योगदान करीब 56 प्रतिशत और स्वीट्स का 44 प्रतिशत है। चालू वर्ष में ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर अकेले दस बिलियन डॉलर टच करने की सम्भावना रख रहा है। ग्लोबल कन्फैक्शनरी मार्केट 3.36 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की सम्भावना है। ऐसे में यह भी डी2सी ब्राण्ड्स के लिये अवसर वाली श्रेणी हो सकती है।

Share
ग्लोबली डंका बजा रहे हैं देसी DwC ब्रांड्स

 इंडियन स्नेक्स की डिमांड विदेशों में काफी ज्यादा है। यही कारण है कि देश के डी2सी स्नैक्स ब्राण्ड्स जैसे गो देसी, बियांड स्नेक और स्वीट करम कॉफी इंटरनेशनल मार्केट्स में बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं। हल्दीराम, बीकानेरवाला, बालाजी वेफर्स, प्रताप स्नेक्स, बीकाजी फूड्ज जैसे दिग्गजों के बीच इन डी2सी स्नेक्स ने अपना स्पेस बनाया है। विदेशों में प्रवास करने वाले भारतीय अपने रीजनल खाने के टेस्ट से जुड़े रहना चाहते हैं और इसलिये भी फूड प्रोडक्ट्स की मांग वहां पर बेहतर है। स्वीट करम कॉफी को-फाउंडर नलिनी परथीबान के अनुसार अभी वे शुरूआती लेवल पर हैं। चालू वर्ष में इंटरनेशनल मार्केट उनके लिये फोकस एरिया रहने वाला है। चेन्नई बेस्ड स्टार्टअप फिल्टर कॉफी, साउथ इंडियन स्वीट्स, स्नेक्स की कुछ वैरायटी ऑफर करती है। ब्राण्ड करीब 32 देशों के लिये शिपिंग कर रहा है और इससे वहां प्रवास करने वाली साउथ इंडियन कम्यूनिटी को रीजनल स्नेक्स का टेस्ट मिल पा रहा है। न्यू ऐज डी2सी ब्राण्ड्स हैल्दी स्नेक्स विकल्पों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा मॉर्डन पैकेजिंग और मजबूत ब्राण्डिंड पर फोकस है। मसलन स्वीट करम कॉफी पाम ऑइल, प्रीजरवेटिव्ज और रिफाइंड आटे का उपयोग नहीं करता है। इसलिये देशी विदेशी कन्ज्यूमर्स प्रोडक्ट्स के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। लीगेसी ब्राण्ड्स का फोकस प्रोडक्ट पर ज्यादा है लेकिन डी2सी ब्राण्ड्स प्रोडक्ट्स के अलावा कस्टमर के साथ बेहतर कनेक्शन बनाने पर भी बल दे रहे हैं। सोशियल मीडिया इस स्ट्रेटजी में बेहतर रोल प्ले कर रहा है। डी2सी ब्राण्ड्स सीधे कन्ज्यूमर्स से जुड़ पा रहे हैं और उनमें ब्राण्ड लॉयल्टी बिल्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। केरल बेस्ड बियांड स्नेक, जिसे बनाना चिप्स के लिये पहचाना जाता है, ने ऑथेंटिक फ्लेवर्स पर बल दिया है। वर्तमान में वह बारह देशों, जिनमें ब्रिटेन, अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल हैं, में बिक्री कर रही है। ट्रेडीशनल ट्रेड चैनल्स के अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के माध्यम से बिक्री की जा रही है। रेवेन्यू में इंटरनेशनल सेल्स करीब 5-8 फीसदी का योगदान कर रही है। गौरतलब है कि बियांड स्नेक ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के साथ कोलेबोरेशंस को एक्सप्लोर कर रही है। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार ग्लोबली इंडियन स्नेक्स स्पेस के लिये ग्रोथ के विपुल अवसर हैं। डेटम इंटेलीजेंस के अनुसार वर्ष 2022 में इंडियन सेवोरीज और स्वीट्स मार्केट करीब 17.5 बिलियन डॉलर का था, वर्ष 2026 में यह बढक़र 25 बिलियन डॉलर हो जाने की सम्भावना है। इसमें से सेवोरी स्नेक्स का योगदान करीब 56 प्रतिशत और स्वीट्स का 44 प्रतिशत है। चालू वर्ष में ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर अकेले दस बिलियन डॉलर टच करने की सम्भावना रख रहा है। ग्लोबल कन्फैक्शनरी मार्केट 3.36 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की सम्भावना है। ऐसे में यह भी डी2सी ब्राण्ड्स के लिये अवसर वाली श्रेणी हो सकती है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news