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18-06-2025

इंडियन खिलौना स्टैंडर्ड ग्लोबल स्टैंडड्र्स से बेहतर, एक्सपोर्ट में मिल रही मदद

  •  भारतीय खिलौनों के गुणवत्ता मानक वैश्विक मानदंडों से बेहतर हैं जिसकी वजह से घरेलू विनिर्माताओं के लिए विदेशों में एक्सपोर्ट करने में मदद मिल रही है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीआईएस ने घरेलू खिलौनों के लिए भौतिक, रासायनिक और विद्युत सुरक्षा प्रावधानों समेत विस्तृत मानक विकसित किए हैं। ये मानक अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) और अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) के मानदंडों के अनुरूप हैं। केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 जारी किया था जो एक जनवरी, 2021 से लागू है। इस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत भारत में बिकने वाले सभी खिलौनों को सात भारतीय मानकों का पालन करना और वैध बीआईएस लाइसेंस के तहत आईएसआई निशान का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।  बीआईएस, मुंबई के पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला (डब्ल्यूआरओएल) के वैज्ञानिक एवं कार्यकारी निदेशक अद्भुत सिंह ने कहा कि खिलौना मानक भारतीय मौसम की स्थिति और अन्य घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, और इनकी वजह से भारतीय खिलौनों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है। हालांकि शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट कहती है कि भारत का खिलौना एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2023-24 में मामूली रूप से घटकर 15.23 करोड़ डॉलर हो गया, जो उसके एक साल पहले 15.38 करोड़ डॉलर था। फिलहाल देश में बीआईएस प्रमाणित 1,640 खिलौना इकाइयां हैं जिनमें से 1,165 लाइसेंस गैर-इलेक्ट्रॉनिक खिलौने बनाने के हैं। जेफिर टॉयमेकर्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोइज गबाजीवाला ने कहा कि बीआईएस मानकों ने नवाचार को बढ़ावा दिया है और प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर पैदा किए हैं।, जिससे कंपनी का कारोबार काफी बढ़ा है। गबाजीवाला की कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था और वित्त वर्ष 2025-26 में 20 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है।  बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीआईएस सत्यापन से यह सुनिश्चित होता है कि खिलौने दम घुटने, तेज किनारों या सीसा और थैलेट जैसे जहरीले पदार्थों से मुक्त हों जिससे बच्चों के लिए उनका इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित रहे। छोटे विनिर्माताओं की मदद के लिए बीआईएस ने शुरुआती तीन साल के लिए आंतरिक परीक्षण शर्तों में छूट दी है, लेकिन उन्हें बीआईएस से मान्य किसी प्रयोगशाला से नियमित परीक्षण करवाना होगा। 

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इंडियन खिलौना स्टैंडर्ड ग्लोबल स्टैंडड्र्स से बेहतर, एक्सपोर्ट में मिल रही मदद

 भारतीय खिलौनों के गुणवत्ता मानक वैश्विक मानदंडों से बेहतर हैं जिसकी वजह से घरेलू विनिर्माताओं के लिए विदेशों में एक्सपोर्ट करने में मदद मिल रही है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीआईएस ने घरेलू खिलौनों के लिए भौतिक, रासायनिक और विद्युत सुरक्षा प्रावधानों समेत विस्तृत मानक विकसित किए हैं। ये मानक अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) और अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) के मानदंडों के अनुरूप हैं। केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 जारी किया था जो एक जनवरी, 2021 से लागू है। इस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत भारत में बिकने वाले सभी खिलौनों को सात भारतीय मानकों का पालन करना और वैध बीआईएस लाइसेंस के तहत आईएसआई निशान का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।  बीआईएस, मुंबई के पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला (डब्ल्यूआरओएल) के वैज्ञानिक एवं कार्यकारी निदेशक अद्भुत सिंह ने कहा कि खिलौना मानक भारतीय मौसम की स्थिति और अन्य घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, और इनकी वजह से भारतीय खिलौनों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है। हालांकि शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट कहती है कि भारत का खिलौना एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2023-24 में मामूली रूप से घटकर 15.23 करोड़ डॉलर हो गया, जो उसके एक साल पहले 15.38 करोड़ डॉलर था। फिलहाल देश में बीआईएस प्रमाणित 1,640 खिलौना इकाइयां हैं जिनमें से 1,165 लाइसेंस गैर-इलेक्ट्रॉनिक खिलौने बनाने के हैं। जेफिर टॉयमेकर्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोइज गबाजीवाला ने कहा कि बीआईएस मानकों ने नवाचार को बढ़ावा दिया है और प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर पैदा किए हैं।, जिससे कंपनी का कारोबार काफी बढ़ा है। गबाजीवाला की कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था और वित्त वर्ष 2025-26 में 20 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है।  बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीआईएस सत्यापन से यह सुनिश्चित होता है कि खिलौने दम घुटने, तेज किनारों या सीसा और थैलेट जैसे जहरीले पदार्थों से मुक्त हों जिससे बच्चों के लिए उनका इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित रहे। छोटे विनिर्माताओं की मदद के लिए बीआईएस ने शुरुआती तीन साल के लिए आंतरिक परीक्षण शर्तों में छूट दी है, लेकिन उन्हें बीआईएस से मान्य किसी प्रयोगशाला से नियमित परीक्षण करवाना होगा। 


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