TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-06-2025

रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती से कैपिटल एक्सपेंडीचर और कंजंप्शन को मिलेगा बूस्ट : इंडस्ट्री

  •  देश के अग्रणी इंडस्ट्री चैम्बर्स ने आरबीआई की ओर से रेपो रेट में की गई 50 आधार अंक की कटौती के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे पूंजीगत व्यय और खपत को बूस्ट मिलेगा। एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा, आरबीआई एमपीसी द्वारा रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती और कैश रिजर्व रेश्यों में 100 आधार अंकों की कटौती से ऋण दरों में कमी आने के साथ अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और उद्योगों को पूंजीगत व्यय करने में मदद मिलेगी। इससे ब्याज दर-संवेदनशील क्षेत्रों जैसे रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, बुनियादी ढांचे, निर्यात और एमएसएमई क्षेत्र में ऋण में वृद्धि के माध्यम से व्यापार वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। एसोचैम के महासचिव मनीष सिंघल ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ताओं और कॉरपोरेट्स के लिए उधार लेने की लागत कम होगी, ऋण की मांग बढ़ेगी और खपत में फिर से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, दरों में कटौती से कृषि क्षेत्र को भी लाभ होगा क्योंकि कम दरें किसानों और कृषि-व्यवसायों के लिए उधार लेने की लागत को कम कर सकती हैं। इसके अलावा, अगर ग्रामीण ऋण चैनलों के माध्यम से प्रभावी ढंग से लाभ पहुंचाया जाए तो बेहतर ग्रामीण मांग खपत को बढ़ावा दे सकती है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन के अनुसार, आरबीआई एमपीसी का निर्णय वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की वृद्धि को सपोर्ट करेगा। उन्होंने कहा, एमपीसी ने मौद्रिक नीति के रुख को अकोमोडेटिव से न्यूट्रल में बदलने का निर्णय लिया है, जो मुद्रास्फीति में नरमी, निकट और मध्यम अवधि में मजबूत विकास संभावनाओं, मजबूत घरेलू मांग और व्यापारिक निर्यात से प्रेरित है। आरबीआई द्वारा की गई आज की कटौती को मिला दिए जाए तो फरवरी से रेपो रेट में एक प्रतिशत की कमी आ चुकी है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंक की कटौती की थी।

Share
रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती से कैपिटल एक्सपेंडीचर और कंजंप्शन को मिलेगा बूस्ट : इंडस्ट्री

 देश के अग्रणी इंडस्ट्री चैम्बर्स ने आरबीआई की ओर से रेपो रेट में की गई 50 आधार अंक की कटौती के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे पूंजीगत व्यय और खपत को बूस्ट मिलेगा। एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा, आरबीआई एमपीसी द्वारा रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती और कैश रिजर्व रेश्यों में 100 आधार अंकों की कटौती से ऋण दरों में कमी आने के साथ अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और उद्योगों को पूंजीगत व्यय करने में मदद मिलेगी। इससे ब्याज दर-संवेदनशील क्षेत्रों जैसे रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, बुनियादी ढांचे, निर्यात और एमएसएमई क्षेत्र में ऋण में वृद्धि के माध्यम से व्यापार वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। एसोचैम के महासचिव मनीष सिंघल ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ताओं और कॉरपोरेट्स के लिए उधार लेने की लागत कम होगी, ऋण की मांग बढ़ेगी और खपत में फिर से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, दरों में कटौती से कृषि क्षेत्र को भी लाभ होगा क्योंकि कम दरें किसानों और कृषि-व्यवसायों के लिए उधार लेने की लागत को कम कर सकती हैं। इसके अलावा, अगर ग्रामीण ऋण चैनलों के माध्यम से प्रभावी ढंग से लाभ पहुंचाया जाए तो बेहतर ग्रामीण मांग खपत को बढ़ावा दे सकती है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन के अनुसार, आरबीआई एमपीसी का निर्णय वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की वृद्धि को सपोर्ट करेगा। उन्होंने कहा, एमपीसी ने मौद्रिक नीति के रुख को अकोमोडेटिव से न्यूट्रल में बदलने का निर्णय लिया है, जो मुद्रास्फीति में नरमी, निकट और मध्यम अवधि में मजबूत विकास संभावनाओं, मजबूत घरेलू मांग और व्यापारिक निर्यात से प्रेरित है। आरबीआई द्वारा की गई आज की कटौती को मिला दिए जाए तो फरवरी से रेपो रेट में एक प्रतिशत की कमी आ चुकी है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंक की कटौती की थी।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news