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16-05-2025

इस वर्ष अप्रैल में भारतीय फार्मा बाजार में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज

  •  क्रॉनिक थेरेपी में उछाल के कारण इस वर्ष अप्रैल में भारतीय फार्मा बाजार (आईपीएम) में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की मासिक रिपोर्ट से पता चला है कि अप्रैल 2024 में आईपीएम ने 9 प्रतिशत और मार्च 2025 में 9.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की थी। इस वर्ष यह वृद्धि हृदय, सीएनएस और श्वसन चिकित्सा में मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई। विशेष रूप से इस वर्ष अप्रैल में श्वसन चिकित्सा में सालाना आधार पर सुधार देखा गया है। सीजन के कारण अप्रैल में एक्यूट थेरेपी में 6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि अप्रैल 2024 में भी 6 प्रतिशत थी और मार्च 2025 में 8 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इस वर्ष अप्रैल में आईपीएम की सालाना वृद्धि के लिए कीमत, नए लॉन्च और वॉल्यूम वृद्धि जैसे कारक अहम रहे। कीमत, नए लॉन्च और वॉल्यूम वृद्धि का क्रमश: 4.3 प्रतिशत, 2.3 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत के साथ योगदान रहा। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि मूविंग एवरेज टोटल (एमएटी) के आधार पर इंडस्ट्री ने सालाना 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। अप्रैल 2025 में जहां क्रॉनिक थेरेपी को लेकर सालाना आधार पर 9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, एक्यूट थेरेपी को लेकर 6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल 2025 एमएटी आधार पर कुल आईपीएम में एक्यूट सेगमेंट की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत रही, जिसमें सालाना आधार पर 7.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा, कार्डियक में 11.3 प्रतिशत, गैस्ट्रो में 9.4 प्रतिशत, एंटीनियोप्लास्ट (एंटीकैंसर ड्रग्स या कीमोथेरेपी ड्रग्स) में 12.6 प्रतिशत और यूरोलॉजी में 13.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू कंपनियों ने अप्रैल में बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया। अप्रैल तक, भारतीय फार्मा कंपनियों के पास आईपीएम में 83 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्ज की गई है, जबकि शेष बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों (एमएनसी) के पास है। इस वर्ष मार्च में भारतीय कंपनियों की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जबकि एमएनसी की वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत रही।

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इस वर्ष अप्रैल में भारतीय फार्मा बाजार में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज

 क्रॉनिक थेरेपी में उछाल के कारण इस वर्ष अप्रैल में भारतीय फार्मा बाजार (आईपीएम) में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की मासिक रिपोर्ट से पता चला है कि अप्रैल 2024 में आईपीएम ने 9 प्रतिशत और मार्च 2025 में 9.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की थी। इस वर्ष यह वृद्धि हृदय, सीएनएस और श्वसन चिकित्सा में मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई। विशेष रूप से इस वर्ष अप्रैल में श्वसन चिकित्सा में सालाना आधार पर सुधार देखा गया है। सीजन के कारण अप्रैल में एक्यूट थेरेपी में 6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि अप्रैल 2024 में भी 6 प्रतिशत थी और मार्च 2025 में 8 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इस वर्ष अप्रैल में आईपीएम की सालाना वृद्धि के लिए कीमत, नए लॉन्च और वॉल्यूम वृद्धि जैसे कारक अहम रहे। कीमत, नए लॉन्च और वॉल्यूम वृद्धि का क्रमश: 4.3 प्रतिशत, 2.3 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत के साथ योगदान रहा। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि मूविंग एवरेज टोटल (एमएटी) के आधार पर इंडस्ट्री ने सालाना 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। अप्रैल 2025 में जहां क्रॉनिक थेरेपी को लेकर सालाना आधार पर 9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, एक्यूट थेरेपी को लेकर 6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल 2025 एमएटी आधार पर कुल आईपीएम में एक्यूट सेगमेंट की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत रही, जिसमें सालाना आधार पर 7.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा, कार्डियक में 11.3 प्रतिशत, गैस्ट्रो में 9.4 प्रतिशत, एंटीनियोप्लास्ट (एंटीकैंसर ड्रग्स या कीमोथेरेपी ड्रग्स) में 12.6 प्रतिशत और यूरोलॉजी में 13.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू कंपनियों ने अप्रैल में बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया। अप्रैल तक, भारतीय फार्मा कंपनियों के पास आईपीएम में 83 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्ज की गई है, जबकि शेष बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों (एमएनसी) के पास है। इस वर्ष मार्च में भारतीय कंपनियों की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जबकि एमएनसी की वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत रही।


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