सब्जियों, फलों एवं अन्य प्रोटीन-युक्त उत्पादों की कीमतों में नरमी से अप्रैल महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर लगभग छह साल के निचले स्तर 3.16 पर्सेंट पर आ गई। जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 3.16 पर्सेंट रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जुलाई, 2019 में यह 3.15 पर्सेंट थी। मार्च, 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 3.34 पर्सेंट और अप्रैल, 2024 में 4.83 पर्सेंट थी। पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति 1.78 पर्सेंट रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 8.7% थी। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 2.69' रही थी। अब खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के संतोषजनक दायरे में बनी हुई है। आरबीआई को सरकार ने मुद्रास्फीति दो पर्सेंट घट-बढ़ के साथ चार पर्सेंट पर बनाए रखने का दायित्व सौंपा है। मूल्य स्थिति में सुधार आने के बाद आरबीआई दो किस्तों में प्रमुख ब्याज दर में 0.50' की कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के चार पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया है। पहली तिमाही में इसके 3.6', दूसरी तिमाही में 3.9 ', तीसरी तिमाही में 3.8 पर्सेंट और चौथी तिमाही में 4.4 पर्सेंट पर रहने का अनुमान है।