भारत ने चीन और वियतनाम से आयात होने वाले विशिष्ट सौर ग्लास पर पांच साल के लिए 664 डॉलर प्रति टन का डंपिंग-रोधी शुल्क लगाया है, ताकि घरेलू विनिर्माताओं को इन दोनों देशों से हो रहे सस्ते आयात से बचाया जा सके। एक सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने चीन और वियतनाम से ‘टेक्सचर्ड टफन्ड (टेम्पर्ड) परत वाले और बिना परत वाले ग्लास’ की डंपिंग पर विस्तृत जांच करने के बाद इसकी सिफारिश की थी, जिसके बाद यह शुल्क लगाया गया। आमतौर पर सौर पैनलों में उपयोग किए जाने वाले इन ग्लासों को सौर ग्लास, लो आयरन सौर ग्लास, सौर पीवी ग्लास, उच्च पारेषण पीवी (फोटोवोल्टिक) ग्लास और टेम्पर्ड लो आयरन पैटर्न्ड सौर ग्लास भी कहा जाता है। इसने निष्कर्ष निकाला है कि इन देशों से ग्लास के डंप किए गए आयात की मात्रा में निरपेक्ष और सापेक्ष रूप से पर्याप्त वृद्धि हुई है। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि डंपिंग-रोधी शुल्क चार दिसंबर, 2024 से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगा। यह शुल्क 570 डॉलर प्रति टन और 664 डॉलर प्रति टन के बीच होगा। इस संबंध में घरेलू उद्योग की ओर से बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड ने शिकायत की थी, जिसके बाद डीजीटीआर ने जांच की और यह फैसला लिया।