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03-05-2025

टैरिफ कम करने के लिए बातचीत के अमेरिकी प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं : चीन

  •  चीन ने कहा कि वह टैरिफ कम करने के लिए वार्ता संबंधी अमेरिकी प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। यह कदम संभवत: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ युद्ध को कम कर सकता है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘ अमेरिका ने हाल में कई बार संबंधित पक्षों के माध्यम से चीन को संदेश देने का प्रयास किया है और टैरिफ मुद्दों पर चीन के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है इसलिए चीन इस पर विचार कर रहा है।’’ मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि टैरिफ और व्यापार युद्ध की शुरुआत अमेरिका ने एकतरफा तरीके से की थी। बयान के अनुसार, अगर अमेरिका बातचीत करना चाहता है, तो उसे ईमानदारी दिखानी चाहिए, इसकी तैयारी करनी चाहिए और अपनी गलत प्रथाओं को सुधारने और एकतरफा टैरिफ हटाने जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाने चाहिए। बयान में कहा गया है कि चीन ने देखा है कि अमेरिकी पक्ष लगातार अपने टैरिफ उपायों में समायोजन के बारे में बात कर रहा है... ‘‘ किसी भी संभावित वार्ता में, यदि अमेरिका अपने त्रुटिपूर्ण एकतरफा टैरिफ उपायों में सुधार नहीं करता है, तो यह पूरी तरह से ईमानदारी की कमी को दर्शाएगा तथा आपसी विश्वास को और कमजोर करेगा।’’ इसमें कहा गया है कि कहना कुछ और करना कुछ... यहां तक कि बातचीत की कोशिश और फिर ‘ब्लैकमेल’ करने की कोशिश...ये सब चीन के साथ नहीं चलेगा। चीन वर्तमान में एकमात्र ऐसा देश है, जिस पर अमेरिकी टैरिफ लागू हुए हैं। अमेरिका ने भारत और यूरोपीय संघ सहित कई अन्य देशों के खिलाफ जवाबी टैरिफ पर रोक लगा दी है। इससे चीन अलग-थलग पड़ गया है और उसने अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध छेड़ दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी एक्सपोर्ट पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। हालांकि बाद में व्हाइट हाउस ने कहा कि चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 245 प्रतिशत है। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी एक्सपोर्ट पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। चीन ने टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका के साथ किसी भी तरह की बातचीत होने से इनकार किया है, जबकि ट्रंप ने हाल में कहा था कि बातचीत जारी है और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उनसे बात की है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने भी दोनों राष्ट्रपतियों के बीच ऐसी किसी भी बातचीत से इनकार किया है।  हांगकांग स्थित समाचार पत्र ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की प्रकाशित खबर के अनुसार, डाक नेटवर्क के जरिये भेजे जाने वाले 800 डॉलर या इससे कम मूल्य के चीन से आयातित सामानों पर उनके मूल्य का 90' या 75 डॉलर प्रति सामान टैरिफ लगने के बाद टैरिफ पर चीन का रुख नरम हुआ है। एक जून के बाद यह टैरिफ बढक़र 150 डॉलर प्रति सामान हो जाएगा। ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिये भेजे जाने वाले छोटे पार्सल पिछले कुछ वर्षों में चीन के एक्सपोर्ट वृद्धि का प्रमुख इंजन बन गए हैं जो पिछले टैरिफ के कारण अमेरिका से थोक ऑर्डर में गिरावट आने से उत्पन्न हुई कमी को पूरा कर रहे हैं।

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टैरिफ कम करने के लिए बातचीत के अमेरिकी प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं : चीन

 चीन ने कहा कि वह टैरिफ कम करने के लिए वार्ता संबंधी अमेरिकी प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। यह कदम संभवत: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ युद्ध को कम कर सकता है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘ अमेरिका ने हाल में कई बार संबंधित पक्षों के माध्यम से चीन को संदेश देने का प्रयास किया है और टैरिफ मुद्दों पर चीन के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है इसलिए चीन इस पर विचार कर रहा है।’’ मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि टैरिफ और व्यापार युद्ध की शुरुआत अमेरिका ने एकतरफा तरीके से की थी। बयान के अनुसार, अगर अमेरिका बातचीत करना चाहता है, तो उसे ईमानदारी दिखानी चाहिए, इसकी तैयारी करनी चाहिए और अपनी गलत प्रथाओं को सुधारने और एकतरफा टैरिफ हटाने जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाने चाहिए। बयान में कहा गया है कि चीन ने देखा है कि अमेरिकी पक्ष लगातार अपने टैरिफ उपायों में समायोजन के बारे में बात कर रहा है... ‘‘ किसी भी संभावित वार्ता में, यदि अमेरिका अपने त्रुटिपूर्ण एकतरफा टैरिफ उपायों में सुधार नहीं करता है, तो यह पूरी तरह से ईमानदारी की कमी को दर्शाएगा तथा आपसी विश्वास को और कमजोर करेगा।’’ इसमें कहा गया है कि कहना कुछ और करना कुछ... यहां तक कि बातचीत की कोशिश और फिर ‘ब्लैकमेल’ करने की कोशिश...ये सब चीन के साथ नहीं चलेगा। चीन वर्तमान में एकमात्र ऐसा देश है, जिस पर अमेरिकी टैरिफ लागू हुए हैं। अमेरिका ने भारत और यूरोपीय संघ सहित कई अन्य देशों के खिलाफ जवाबी टैरिफ पर रोक लगा दी है। इससे चीन अलग-थलग पड़ गया है और उसने अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध छेड़ दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी एक्सपोर्ट पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। हालांकि बाद में व्हाइट हाउस ने कहा कि चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 245 प्रतिशत है। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी एक्सपोर्ट पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। चीन ने टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका के साथ किसी भी तरह की बातचीत होने से इनकार किया है, जबकि ट्रंप ने हाल में कहा था कि बातचीत जारी है और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उनसे बात की है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने भी दोनों राष्ट्रपतियों के बीच ऐसी किसी भी बातचीत से इनकार किया है।  हांगकांग स्थित समाचार पत्र ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की प्रकाशित खबर के अनुसार, डाक नेटवर्क के जरिये भेजे जाने वाले 800 डॉलर या इससे कम मूल्य के चीन से आयातित सामानों पर उनके मूल्य का 90' या 75 डॉलर प्रति सामान टैरिफ लगने के बाद टैरिफ पर चीन का रुख नरम हुआ है। एक जून के बाद यह टैरिफ बढक़र 150 डॉलर प्रति सामान हो जाएगा। ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिये भेजे जाने वाले छोटे पार्सल पिछले कुछ वर्षों में चीन के एक्सपोर्ट वृद्धि का प्रमुख इंजन बन गए हैं जो पिछले टैरिफ के कारण अमेरिका से थोक ऑर्डर में गिरावट आने से उत्पन्न हुई कमी को पूरा कर रहे हैं।


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