वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत के औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। शीर्ष आठ शहरों में कुल मिलाकर लगभग 2 करोड़ वर्ग फुट की लीजिंग डील्स रिकॉर्ड की गईं, जो वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 33 परसेंट की ग्रोथ है। अकेले दूसरी तिमाही (वित्त वर्ष 2025) में लगभग 1.1 करोड़ वर्ग फुट की मांग दर्ज की गई, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 52' अधिक है। रिपोर्ट कहती है कि सबसे ज्यादा वेयरहाउस डिमांड दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई में दर्ज की गई जिनका देश की कुल डिमांड में लगभग 50' शेयर था। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में कम-से-कम 20 लाख वर्ग फुट की मांग देखी गई। माइक्रोमार्केट स्तर पर, मुंबई के भिवंडी में सबसे अधिक (31 लाख वर्ग फुट) और चेन्नई के ओरगडैम में दूसरी सबसे बड़ी (15 लाख वर्ग फुट) वेयरहाउसिंग गतिविधि दर्ज हुई। कॉलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक विजय गणेश के अनुसार दूसरी तिमाही ने हाल के वर्षों में सबसे अधिक तिमाही ग्रॉस एब्जॉप्र्शन दर्ज किया है। दिल्ली-एनसीआर ने इस अवधि में 25 लाख वर्ग फुट ग्रेड-ए स्पेस के साथ एक-चौथाई मांग का नेतृत्व किया। फारुखनगर और कुलाना जैसे माइक्रोमार्केट्स ने दिल्ली रीजन में प्रमुख भूमिका निभाई। रिपोर्ट के अनुसार कि वेयरहाउसिंग की डिमांड में हो रही तेज ग्रोथ में सबसे बड़ा 32 परसेंट योगदान थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों का रहा। इनके अलावा, इंजीनियरिंग, ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल और रिटेल सैक्टर में भी तेज मांग देखी गई।