इटली की एग्नेली फैमिली सीवी मेकर इवेको ग्रुप को बेचने के प्लान पर चर्चा कर रही है। इस संभावित डील में टाटा मोटर्स बड़े दावेदार के रूप में सामने आई है। माना जा रहा है कि यह टाटा मोटर्स के लिए एक और जेएलआर मॉमेंट हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, टाटा मोटर्स ने एग्नेली फैमिली की इंवेस्टमेंट यूनिट एक्सॉर से संपर्क किया है। इवेको में एक्सॉर का कंट्रोलिंग स्टेक है। आप जानते हैं इवेको के पोर्टफोलियो में एचडी ट्रक, एलटी, मिनी ट्रक और बस शामिल हैं। इसके अलावा इवेको ग्रुप का इंजन बिजनस भी है। आपको याद होगा इटली के इवेको ग्रुप की अशोक लेलैंड में 15 परसेंट हिस्सेदारी थी। और एक दौर में अशोक लेलैंड ने इवेको रेंज के ट्रक भी लॉन्च किए थे। अस्सी के दशक से 2006 तक चली इस पार्टनरशिप के दौरान इवेको की ओनरशिप फिएट ग्रुप के पास थी। हालांकि रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह डील केवल कमर्शियल वेहीकल और इंजन बिजनस के लिए होगी और इसमें इवेको का डिफेंस वर्टिकल आईडीवी शामिल नहीं होगा। हालांकि अभी तक ना टाटा मोटर्स और ना ही इवेको की ओर से कोई आधिकारिक स्टेटमेंट आया है। लेकिन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि टाटा मोटर्स और इवेको की यह डील हो जाने की बहुत ज्यादा संभावना है। मई में इवेको ग्रुप ने संकेत दिया था कि वह 2025 के अंत तक डिफेंस बिजनस को अलग करने या बेचने के प्लान पर आगे बढ़ेगा और उसे कई संभावित खरीदारों से पहले ही प्रस्ताव मिल चुके हैं। साथ में लगी टेबल से पता चलता है कि इवेको ग्रुप ग्लोबल मार्केट में सालाना करीब 60-70 हजार वेहीकल्स बेच रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार इवेको ग्रुप ने डिफेंस बिजनस को अलग करने की प्रक्रिया के साथ ही गैर-यूरोपीय संभावित खरीदारों के साथ बिक्री पर बातचीत शुरू कर दी है। एग्नेली फैमिली की इंवेस्टमेंट फर्म एक्सोर की इवेको ग्रुप में करीब 27 परसेंट हिस्सेदारी है और इवेको का मार्केटकैप करीब 4.9 बिलियन डॉलर है। यूरोप की बड़ी ट्रक निर्माताओं में इवेको को सबसे छोटा प्लेयर माना जाता है और रह-रहकर इसके विलय या अधिग्रहण की खबरें आती रहती हैं। हालांकि, इवेको का डिफेंस बिजनस सौदों को जटिल बनाता रहा है। वर्ष 2021 में इटली की सरकार ने चीनी की सीवी कंपनी फॉ (स्न्रङ्ख) द्वारा इवेको को खरीदने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उस दौर में इवेको एग्नेली फैमिली के कंट्रोल वाले सीएनएच इंडस्ट्रियल ग्रुप का हिस्सा था। बाद में 2022 की शुरुआत में इसे अलग कर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराया गया था। हालांकि खबर है कि इटली की सरकार इवेको डील की गोल्डन पावर पॉलिसी के तहत गहराई से जांच करेगी। इस गोल्डन पावर पॉलिसी में किसी भी नेशनल या स्ट्रेटेजिक इंटरेस्ट की कंपनी को बिकने से रोकने के लिए इटली की सरकार कड़ी शर्त लगा सकती है। आप जानते हैं 2007-08 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के दौर में टाटा मोटर्स ने बैंकरप्ट होने के कगार तक पहुंच चुकी फोर्ड मोटर की ब्रिटिश आईकॉनिक कार कंपनी जगुआर लैंडरोवर को 2.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 9200 करोड़ रुपये में खरीदा था। टाटा की ओनरशिप में जेएलआर की सक्सैस स्टोरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वित्त वर्ष में जेएलआर का रेवेन्यू 36.3 बिलियन डॉलर था।
