अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के दौरान ड्रिल बेबी ड्रिल...का जो नारा दिया था उसे अब लागू करना शुरू कर दिया है। कैफे नॉम्र्स के उल्लंघन पर कार कंपनियों पर भारी जुर्माना लगता है। लेकिन अमेरिकी रेगुलेटर्स ने कहा है कि कार कंपनियों को 2022 मॉडल वर्ष से अब तक कैफे नॉम्र्स को पूरा न करने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा। रिपोर्ट के अनुसार प्रेसिडेंट ट्रंप ने हाल ही एक्जेक्टिव ऑर्डर के जरिए यह फैसला किया है। ट्रंप द्वारा अप्रूव टेक्स एंड बजट बिल 1975 के ऊर्जा कानून के तहत बनाए गए कैफे नियमों के उल्लंघन पर लगने वाले जुर्माने को समाप्त कर दिया गया है। अमेरिका में ट्रांसपोर्ट रेगुलेटर नेशनल हाईवे ट्रांसपोर्ट सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (एनएचटीएसए) ने ऑटो कंपनियों को भेजे एक पत्र में कहा कि वह फ्यूल एफीशिएंसी नियमों को रिव्यू कर रहा है। दरअसल ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन आइस (इंजन वाले) वेहीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को आसान करने और ईवी को महंगा करने के लिए लगातार पॉलिसी में बदलाव कर रहा है। पिछले साल क्राइसलर की पैरेंट कंपनी स्टेलांटिस ने 2019 और 2020 में अमेरिकी कैफे नॉम्र्स को पूरा न करने पर 19.07 करोड़ डॉलर यानी करीब 1650 करोड़ रुपये का फाइन चुकाया था। वर्ष 2016 से 2019 के बीच वह पहले ही लगभग 40 करोड़ डॉलर का जुर्माना भुगत चुकी है। जनरल मोटर्स ने भी 2016 और 2017 के लिए 18.12 करोड़ डॉलर का जुर्माना चुकाया था। पिछले महीने, ट्रंप ने कैलिफोर्निया के ऐतिहासिक प्लान को खारिज करने वाले ऑर्डर को मंजूरी दी थी जिसमें वर्ष 2035 से आइस कारों की बिक्री बैन करने का प्रस्ताव था। पिछले साल टेस्ला ने कहा था कि उसने जीरो-एमिशन ईवी बेचने और अन्य कंपनियों को कार्बन क्रेडिट्स दूसरी कंपनियों को देने के बदले $2.8 बिलियन डॉलर के रेगुलेटरी क्रेडिट्स कमाए थे। ओहायो के रिपब्लिकन सीनेटर बर्नी मोरेनो ने कहा कि ऑटो कंपनियों द्वारा टेस्ला को किया गया पेमेंट बहुत बड़ी रकम थी। एनएचटीएसए में ट्रंप के प्रतिनिधि जोनाथन मॉरिसन ने पिछले दिनों कहा कि कैफे और कार्बन क्रेडिट्स के इस पूरे ईकोसिस्टम का बोझ आखिर कस्टमर पर ही आता है। ट्रंप के कानून में कहा गया है कि उन वर्षों के लिए जुर्माना हटा दिया जाएगा जिनके लिए एनएचटीएसए ने कोई अंतिम निर्णय नहीं किया था। सेंटर फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी के सेफ क्लाइमेट ट्रांसपोर्ट कैंपेन के निदेशक डैन बेकर इस फैसले की आलोचना में कहा, ट्रंप प्रशासन रिवर्स गियर में चल रहा है और जीएम और स्टेलांटिस जैसी एमिशन नॉम्र्स का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को तोहफा दे रहा है। माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से ऑटो कंपनियों को 20 करोड़ डॉलर की बचत होगी। वर्ष 2023 में तब के प्रेसिडेंट जो बाइडेन के तहत एनएचटीएसए ने कैफे मानकों को 2032 तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। जिससे ऑटो इंडस्ट्री पर 14 बिलियन डॉलर का जुर्माना बनता। इन मानकों के तहत जीएम पर 6.5 बिलियन, स्टेलांटिस पर 3 बिलियन और फोर्ड मोटर पर 1 बिलियन डॉलर के जुर्माने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, 2024 में इन नियमों में ढील दी गई थी जिससे 2027 से 2031 तक ऑटो इंडस्ट्री पर जुर्माना घटकर कुल 1.83 बिलियन डॉलर रह जाने का अनुमान है।
