फाइनेंशियल ईयर 2023-24 व 2024-25 में कमजोर रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद कॉर्पोरेट इंडिया के पास उपलब्ध कैश बेलेंस में इन दोनों ही वर्षों में इजाफा हुआ है। 2023-24 में जहां बैंकों, फाइनेंस व इंश्योरेंस कंपनियों के अलावा अन्य 3041 लिस्टेड कंपनियों के पास कैश बेलेंस 20 प्रतिशत बढक़र 11.74 लाख रुपये दर्ज किया गया था वहीं 2024-25 में तो यह 15 प्रतिशत बढक़र 13.45 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर पहुंच गया। एनालिस्ट्स के अनुसार कंपनियों द्वारा Cost-Cutting पर किए गए व्यापक फोकस के कारण रेवेन्यू ग्रोथ के कमजोर रहने के बावजूद ओपरेटिंग प्रॉफिट में बढ़त दर्ज की गई है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा प्राइवेट सेक्टर को कैपेक्स बढ़ाने के लिए कई बार कहा गया है पर भारी कैश बेलेंस होने के बावजूद देश में प्राइवेट कैपेक्स फिलहाल कमजोर ही बना हुआ है। दिलचस्प रूप से उक्त 13.45 लाख करोड़ रुपये के कैश सरप्लस में से 10.79 लाख करोड़ रुपये या 80 प्रतिशत कैश बेलेंस बीएसई-500 इंडेक्स की 413 कंपनियों (बैंक, फाइनेंस व इंश्योरेंस कंपनियों के अलावा) के पास था। इन टॉप कंपनियों के पास 2023-24 में 9.65 लाख करोड़ रुपये का कैश बेलेंस था। दिलचस्प रूप से कोविड ईयर यानि 2019-20 में कंपनियों की बेलेंस शीट में 6.42 लाख करोड़ रुपये का कैश बेलेंस था। यानि देखा जाए तो पिछले 5 वर्ष में ही लिस्टेड कंपनियों की बेलेंस शीट में कैश सरप्लस डबल हो गया है। इंडिविजुअल कंपनियों की बात करें तो 2024-25 में 1.06 लाख करोड़ रुपये के बेलेंस के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. देश में सर्वाधिक कैश सरप्लस वाली कंपनी है। 2023-24 में 97225 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी का कैश सरप्लस 2024-25 में 9.5 प्रतिशत बढ़ा है। इसके बाद टाटा मोटर्स का नाम आता है जिसकी बेलेंस शीट में कैश व बैंक बेलेंस 2024-25 में 11 प्रतिशत घटकर 40834 करोड़ रुपये के लेवल पर रहा।
