जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में सरकार जनता को जीएसटी पर राहत दे सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक काउंसिल 12% टैक्स स्लैब को खत्म करने पर बड़ा फैसला ले सकती है। यह कदम जीएसटी रेट स्ट्रक्चर को आसान बनाने के लिए उठाया जा सकता है। अभी देश में जीएसटी के चार स्लैब (5 परसेंट, 12 परसेंट, 18 परसेंट और 28 परसेंट) हैं। इन्हें घटाकर तीन किए जाने पर विचार किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल के सलाहकार अधिकारियों से समर्थन मिल चुका है और अब काउंसिल को फैसला लेना है। एनेलिस्ट्स का भी कहना है कि इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बहुत कंफर्टेबल लेवल पर है ऐसे में स्लैब घटाने या रेट घटाने की सहूलियत सरकार के पास है। अभी 12 परसेंट टैक्स स्लैब में कंडेन्स्ड मिल्क, फ्रूट जूस, 20 लीटर पीने के पानी की बोतल, वॉकी-टॉकी और कॉन्टैक्ट लेंस वगैरह शामिल हैं। इसके अलावा सॉसेज, फ्रोजन सब्जियां, पास्ता और कई तरह के घरेलू सामान भी आते हैं। अगर मीटिंग में 12 परसेंट टैक्स स्लैब को हटाने का फैसला लिया जाता है, तो इसमें आने वाले आइटम्स 5 परसेंट या 18 परसेंट स्लैब में शिफ्ट हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया, यूएई, कनाडा, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे कई देशों में एक या दो ही टैक्स स्लैब हैं। ऐसे में चार की जगह तीन टैक्स स्लैब स्ट्रक्चर अपनाकर भारत भी ग्लोबल स्टैंडर्ड के करीब पहुंच सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 12 परसेंट का टैक्स स्लैब अब अप्रासंगिक हो चुका है इसलिए जीएसटी रेवेन्यू में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए भी इसे चार से कम कर तीन करने की बात चल रही है।