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09-06-2025

क्या आप भी खरीदना चाहेंगे Dubai में ‘अपना घर’?

  •  दुबई का नाम सुनते ही लोगों के मन में चमचमाती बहुमंजिला बिल्डिंगें, आलीशान लाइफ स्टाइल या फिर लग्जरी टूरिज्म के विचार उभरने लगते हैं। दुबई में लग्जरी लाइफ, टूरिज्म व बिजनस का कॉकटेल है। इसलिए हर साल इंडियंस बड़ी तादाद में दुबई घूमने जाते है, लेकिन पिछले कुछ समय से इंडियंस का प्रॉपर्टी खरीद के लिहाज से संयुक्त राज्य अमीरात का दुबई शहर पसंदीदा डेस्टीनेशन बन गया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुरुग्राम, जयपुर व नोएडा के कुछ पॉश कॉलोनियों या फिर प्रमुख रिहायशी क्षेत्रों में फ्लैट्स या फिर विलाज 5 से 10 करोड़ रुपए में बिक रहे हैं, लेकिन इतना पैसा लगाने के बाजवूद उस प्रॉपर्टी पर रेंटल इनकम के आधार पर आपको साल में 1.5 से 2 फीसदी का रिटर्न ही मिलता है, जबकि इसके मुकाबले दुबई में रेंटल रिटर्न (रेंटल ईल्ड) 8 से 10 फीसदी बैठती है। इंडिया के मुकाबले दुबई में रेंटल ईल्ड अच्छी होने से इंडियंस के लिए रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी में इंवेस्टमेंट के लिहाज से दुबई नया ठिकाना बनता जा रहा है। साथ ही दुबई में पांच करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदने पर गोल्डन वीजा भी अलग से मिल जाता है, जिसकी वैधता करीब 10 सालों तक बनी रहती है। गोल्डन वीजा मिल जाने से इंडियंस वहां अपना जीवन आराम से गुजार सकते हैं। गोल्डन वीजा की कॉस्ट करीब 14 से 16 हजार दिरहम आती है, जिसकी इंडियन रुपए में करीब 3.80 लाख रुपए की कॉस्टिंग आती है। दुबई के इन स्थानों पर प्रॉपर्टी की हो रही जमकर खरीदारी : दुबई बेस्ड प्रॉपर्टी ब्रोकरेज का काम करने वाले जयपुर बेस्ड राज तोमर के अनुसार दुबई बेस्ड बुर्ज खलीफा सामने स्थित बिजनस बे, दुबई मरीना, डाउन टाउन दुबई, जुमेरा विलेज सर्किल, दुबई हिल्स एस्टेट, अमीरात हिल्स व पाम जुमेरा आदि स्थानों पर लग्जरी प्रॉपर्टी, फ्लैट्स व विलाज की बिक्री में एकतरफा तेजी देखी जा रही है। इसका प्रमुख कारण है बेहतर रेंटल ईल्ड। मान लीजिए कोई इंडियन दुबई में 5 करोड़ रुपए का फ्लैट खरीदता है तो उसे आसानी से 8 से 10 फीसदी की रेंटल इनकम यानि करीब 40 से 50 लाख रुपए सालाना प्राप्त होने की संभावना है। मुख्य बात यह है कि यह इनकम दुबई में पूर्ण रूप से टैक्स-फ्री भी है। साथ ही इस इन्वेस्टमेंट में कस्टमर को वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, फास्ट कनेक्टीविटी, सेफ्टी व सिक्योरिटी व इंटरनेशनल लाइफस्टाइल जैसी लग्जरी सुख-सुविधाएं मिल जाती है। इसके अलावा दुबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी सालाना 12 से 15 प्रतिशत का एप्रीसिएशन आमतौर पर देखा जाता है। टैक्स पॉलिसी के कारण इंडियन लोग कर रहे हैं दुबई का रूख : जयपुर बेस्ड प्रमुख बैंककर्मी मोहित गोयल के अनुसार कहने के लिए दुबई एक टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर ज्यादा जाना जाता है, लेकिन बदलते समय के साथ इंडियन इंवेस्टर अब दुबई की ओर रूख कर रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण है इंडिया और दुबई की टैक्स पॉलिसी का फर्क। जानकारी के अनुसार इंडिया में इनकम टैक्स का सिस्टम काफी हद तक उलझा देने वाला है। यहां अलग-अलग इनकम पर अलग-अलग टैक्स लगता है। वहीं दुबई की बात करें तो दुबई में लोग जितना कमाते है उसके ऊपर उनको एक रुपया भी टैक्स के रूप में देने की कोई जरूरत नहीं होती है। इस कारण इंडिया के प्रमुख कारोबारी वर्ग या फिर नौकरीपेशा वर्ग दुबई में सैटल होना चाहते हैं या फिर हो रहे हैं ताकि उन्हें उनकी इनकम पर किसी भी प्रकार का टैक्स देने की जरूरत ना पड़े। दुबई के प्रॉपर्टी मार्केट में इंडियंस की बढ़ती दिलचस्पी के कारण दुबई बेस्ड  प्रॉपर्टी ब्रोकर्स अब इंडिया के कई शहरों में प्रॉपर्टी शो आयोजित करने लगे हैं। 

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क्या आप भी खरीदना चाहेंगे Dubai में ‘अपना घर’?

 दुबई का नाम सुनते ही लोगों के मन में चमचमाती बहुमंजिला बिल्डिंगें, आलीशान लाइफ स्टाइल या फिर लग्जरी टूरिज्म के विचार उभरने लगते हैं। दुबई में लग्जरी लाइफ, टूरिज्म व बिजनस का कॉकटेल है। इसलिए हर साल इंडियंस बड़ी तादाद में दुबई घूमने जाते है, लेकिन पिछले कुछ समय से इंडियंस का प्रॉपर्टी खरीद के लिहाज से संयुक्त राज्य अमीरात का दुबई शहर पसंदीदा डेस्टीनेशन बन गया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुरुग्राम, जयपुर व नोएडा के कुछ पॉश कॉलोनियों या फिर प्रमुख रिहायशी क्षेत्रों में फ्लैट्स या फिर विलाज 5 से 10 करोड़ रुपए में बिक रहे हैं, लेकिन इतना पैसा लगाने के बाजवूद उस प्रॉपर्टी पर रेंटल इनकम के आधार पर आपको साल में 1.5 से 2 फीसदी का रिटर्न ही मिलता है, जबकि इसके मुकाबले दुबई में रेंटल रिटर्न (रेंटल ईल्ड) 8 से 10 फीसदी बैठती है। इंडिया के मुकाबले दुबई में रेंटल ईल्ड अच्छी होने से इंडियंस के लिए रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी में इंवेस्टमेंट के लिहाज से दुबई नया ठिकाना बनता जा रहा है। साथ ही दुबई में पांच करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदने पर गोल्डन वीजा भी अलग से मिल जाता है, जिसकी वैधता करीब 10 सालों तक बनी रहती है। गोल्डन वीजा मिल जाने से इंडियंस वहां अपना जीवन आराम से गुजार सकते हैं। गोल्डन वीजा की कॉस्ट करीब 14 से 16 हजार दिरहम आती है, जिसकी इंडियन रुपए में करीब 3.80 लाख रुपए की कॉस्टिंग आती है। दुबई के इन स्थानों पर प्रॉपर्टी की हो रही जमकर खरीदारी : दुबई बेस्ड प्रॉपर्टी ब्रोकरेज का काम करने वाले जयपुर बेस्ड राज तोमर के अनुसार दुबई बेस्ड बुर्ज खलीफा सामने स्थित बिजनस बे, दुबई मरीना, डाउन टाउन दुबई, जुमेरा विलेज सर्किल, दुबई हिल्स एस्टेट, अमीरात हिल्स व पाम जुमेरा आदि स्थानों पर लग्जरी प्रॉपर्टी, फ्लैट्स व विलाज की बिक्री में एकतरफा तेजी देखी जा रही है। इसका प्रमुख कारण है बेहतर रेंटल ईल्ड। मान लीजिए कोई इंडियन दुबई में 5 करोड़ रुपए का फ्लैट खरीदता है तो उसे आसानी से 8 से 10 फीसदी की रेंटल इनकम यानि करीब 40 से 50 लाख रुपए सालाना प्राप्त होने की संभावना है। मुख्य बात यह है कि यह इनकम दुबई में पूर्ण रूप से टैक्स-फ्री भी है। साथ ही इस इन्वेस्टमेंट में कस्टमर को वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, फास्ट कनेक्टीविटी, सेफ्टी व सिक्योरिटी व इंटरनेशनल लाइफस्टाइल जैसी लग्जरी सुख-सुविधाएं मिल जाती है। इसके अलावा दुबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी सालाना 12 से 15 प्रतिशत का एप्रीसिएशन आमतौर पर देखा जाता है। टैक्स पॉलिसी के कारण इंडियन लोग कर रहे हैं दुबई का रूख : जयपुर बेस्ड प्रमुख बैंककर्मी मोहित गोयल के अनुसार कहने के लिए दुबई एक टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर ज्यादा जाना जाता है, लेकिन बदलते समय के साथ इंडियन इंवेस्टर अब दुबई की ओर रूख कर रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण है इंडिया और दुबई की टैक्स पॉलिसी का फर्क। जानकारी के अनुसार इंडिया में इनकम टैक्स का सिस्टम काफी हद तक उलझा देने वाला है। यहां अलग-अलग इनकम पर अलग-अलग टैक्स लगता है। वहीं दुबई की बात करें तो दुबई में लोग जितना कमाते है उसके ऊपर उनको एक रुपया भी टैक्स के रूप में देने की कोई जरूरत नहीं होती है। इस कारण इंडिया के प्रमुख कारोबारी वर्ग या फिर नौकरीपेशा वर्ग दुबई में सैटल होना चाहते हैं या फिर हो रहे हैं ताकि उन्हें उनकी इनकम पर किसी भी प्रकार का टैक्स देने की जरूरत ना पड़े। दुबई के प्रॉपर्टी मार्केट में इंडियंस की बढ़ती दिलचस्पी के कारण दुबई बेस्ड  प्रॉपर्टी ब्रोकर्स अब इंडिया के कई शहरों में प्रॉपर्टी शो आयोजित करने लगे हैं। 


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