जो कारोबारी चीन की कंपनियों से कारोबार कर रहे हैं उन्हे वहां के कारोबारी माहौल व साइज का पता होगा पर जिन कारोबारियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है उनके लिए मात्र एक प्रोडक्ट का उदाहरण चीन की मेन्यूफेक्चरिंग की साइज, कॉस्ट व पहुंच का अंदाजा देने के लिए काफी है। चीन के पूर्व (east) में स्थित yiwu बाजार दुनिया का सबसे बड़ा होलसेल मार्केट है जहां 1000 फुटबाल ग्राउंड से भी बड़ी जगह पर 75,000 से ज्यादा ट्रेडर खिलोने, टोपियां, मौजे, की चेन, क्रोकरी जैसे हजारों आइटम बेचते हैं। दुनिया में कोई जगह ऐसी नहीं है जहां 20-25 सालों से इतनी वैरायटी वाले प्रोडक्ट सबसे सस्ती रेटों पर लगातार बिक रहे हो और जिनमें से ज्यादातर एक्सपोर्ट किए जा रहे हो। चीन में अलग-अलग जगहों पर न जाने कितने प्रोडक्ट है जो इतनी बड़ी संख्या में बनाए जाते हैं कि जिसके कारण उन जगहों को प्रोडक्ट के नाम पर दुनिया की कैपिटल कहा जाता है। Yiwu में पांच जिले है और हर जिले में कई मल्टीस्टोरी बिल्ंिडगे हैं जिनकी एक-एक फ्लोर पर सिर्फ एक प्रोडक्ट का ही कारोबार होता है। ऐसी ही एक फ्लोर पर Socks (मोजे) का कारोबार होता है जो पास ही स्थिर्त Zhuji शहर में बनाए जाते है। इस शहर को चीन का मीडिया Sock Captial of World कहता है जहां एक वर्ष में मोजो की 25 बिलियन (2500 करोड़) जोडिय़ा बनती है जो मोजो के कुल ग्लोबल प्रोडक्शन के 33 प्रतिशत के आसपास है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वार से चीन के कारोबारी ज्यादा परेशान नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपने प्रोडक्ट दुनिया में कही भी सस्ते में बेचने की पॉवर रखते हैं और अगर अमेरिका में उनके प्रोडक्ट महंगे होने के कारण डिमांड कम हुई तो वे उन्हें दूसरे देशों में बेच लेंगे। वर्ष 2023 में अमेरिका में हुए मोजों (Socks) के कुल इंपोर्ट में से 56 प्रतिशत स्शष्द्मह्य चीन से इंपोर्ट हुए थे। चीन से Socks (मोजे) का एक्सपोर्ट करने वाले एक कारोबारी ने किसी इंटरव्यू में कहा कि स्शष्द्मह्य कम मार्जिन वाला प्रोडक्ट है। अमरिकी टैरिफ का असर कम करने के लिए कीमतें कम करना मुश्किल है क्योंकि इसके लिए प्रॉफिट में कटौती करनी होगी या अमेरिकी लोगों से ज्यादा कीमत लेनी होगी जो आसान नहीं होगा। इससे अच्छा हम दूसरे देशों में अपने प्रोडक्ट भेजेंगे जहां लोग सस्ते मोजे खरीद कर अपने पैर सुरक्षित गर्म रख सकते हैं। चीन में सबसे अच्छी क्वालिटी वाले 100 प्रतिशत कॉटन मोजे की जोड़ी की होलसेल कीमत 20 रुपये से कम बताई जाती है जिनका सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट अमेरिका में होता है। चीन में ऑर्डर मिलने से लेकर अमेरिका के कस्टमर तक प्रोडक्ट पहुंचने में 30-40 का दिन का समय लगता है जिसमें से 10 दिन प्रोडक्ट बनाने में व 25-35 दिन माल पहुंचाने में लगते हैं जिसके बाद प्रोडक्ट रिटेल स्टोर व ऑनलाइन बिकने के लिए उपलब्ध होता है। हमारे देश में सबसे Lowest (निम्न) क्वालिटी के मोजे 15-20 रुपये के बीच बाजार में बिकते हैं। चीन के लोगों की प्रोडक्ट बनाने की स्पीड, कीमतों व Skilled वर्करों की आर्मी से जीतना या इनकी बराबरी करना लगभग नामुमकिन ही माना जा सकता है। चीन के एक Yiwu शहर का उदाहरण बताता है कि वहां की इकोनोमिक व मेन्युफेक्चरिंग पॉवर का एक ही मकसद है - सबसे सस्ती कॉस्ट पर सबसे अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्ट तैयार करना जिस तक कोई न पहुंच पाए। वहां के कारोबारियों का यह भरोसा व विश्वास भी काबिले तारीफ है जिसमें वे कारोबार के लिए किसी और पर निर्भर होना नहीं स्वीकारते बल्कि खुद आत्मनिर्भर होने की पॉवर का प्रदर्शन करते हुए दुनिया में कही भी अपना माल बेचने की बात कहते हैं। चीन से मुकाबला करने व बराबरी करने की बातें हमारे यहां बहुत होती है लेकिन उनका मकसद मात्र राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने से ज्यादा कुछ नहीं है। एक दिग्गज इंवेस्टर की सलाह है कि बच्चों को व खुद कारोबारियों को भी अमेरिका, यूरोप घूमने की बजाए चीन की यात्रा पहले करनी चाहिए जिससे कारोबारों के मामले में उनका दिमाग व आंखे खुल सके क्योंकि हकीकत और दिखाए जा रहे सपनों में साफ-साफ फर्क वहीं जाकर समझा जा सकता है और यही सुझाव सरकारों के लिए भी बराबर का महत्व रखने वाला कहा जा सकता है।