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03-04-2025

ओला फ्लावर तो ई-2व्हीलर हुए फायर

  •  वित्त वर्ष 2025 इलेक्ट्र्कि टूव्हीलर इंडस्ट्री के लिए रोलर कोस्टर राइड जैसा रहा। ओला हालांकि  गलत कारणों से शो स्टॉपर रही लेकिन बजाज और टीवीएस ने मौके का खूब फायदा उठाया। नतीजा टूव्हीलर में इलेक्ट्रिक को मेनस्ट्रीम करने और देश भर में सेल्स और सर्विस नेटवर्क खड़ा करने के लिए बड़ा निवेश करने के बावजूद ओला पहले से तीसरे पायदान पर फिसल गई। लेटेस्ट रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष में 11.49 लाख से ज्यादा इलेक्ट्र्कि टूव्हीलर बिके। भारी उद्योग मंत्रालय का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी के कारण यह बढ़ोतरी संभव हुई है। मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना भी शुरू की है, जिससे ईवी की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लोग इसलिए पसंद कर रहे हैं, क्योंकि सरकार इन्हें बढ़ावा दे रही है। साथ ही नई तकनीक भी आ रही है और लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे हैं। सरकारी डेटा के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में 11,49,334 इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह संख्या 21 परसेंट ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष में 9,48,561 इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके थे। इसी तरह इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (एल5) की सेल्स में भी बढ़ोतरी हुई है। 2024-25 में 1,59,235 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर वाहन बिके, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 1,01,581 था। यह 57 परसेंट की बढ़ोतरी दिखाता है। भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत वाहन पोर्टल पर 10 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और 1,22,982 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर वाहन (एल5) रजिस्टर किए गए हैं। आपको बता दें कि भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव वेहीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना 29 सितंबर 2024 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण बढ़ाना है। इस योजना के लिए सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये का बजट रखा है। यह पैसा दो साल में खर्च किया जाएगा। यह योजना 31 मार्च, 2026 तक चलेगी। इसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 के दौरान हुई सेल्स भी शामिल है जो पिछले वर्ष 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2024 तक के लिए स्टॉपगैप अरेंजमेंट के रूप में लाई गई थी। वित्त वर्ष 2024-25 में दस लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई2डब्ल्यू) को सब्सिडी दी गई। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के अनुसार इस दौरान 1,010,101 इलेक्ट्र्कि टूव्हीलर और 122,982 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (ई3डब्ल्यू) को पीएम ई-ड्राइव योजना के माध्यम से सब्सिडी मिली है। वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर की सेल्स 1.59 लाख यूनिट तक पहुंच गई, जो पिछले साल 1.02 लाख यूनिट से 57 परसेंट अधिक है। केंद्रीय भारी उद्योग और स्टील मिनिस्टर एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि फेम, ईएमपीएस और पीएम ई-ड्राइव जैसी योजनाओं के कारण हुए दस लाख से अधिक ईवी बेचे गए। उन्होंने कहा इससे प्रतिदिन 8.56 लाख लीटर फ्यूल की बचत हुई है और कार्बन डाई ऑक्साइड एमिशन प्रतिदिन 12.48 लाख किलोग्राम की कमी आई है। कुल मिलाकर, इसने 157.73 करोड़ लीटर फ्यूल की बचत की है और कार्बन एमिशन में 230.17 करोड़ किलोग्राम की कमी आई है। पीएलआई ऑटो योजना के लिए 18 कंपनियों ने आवेदन किया है।

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ओला फ्लावर तो ई-2व्हीलर हुए फायर

 वित्त वर्ष 2025 इलेक्ट्र्कि टूव्हीलर इंडस्ट्री के लिए रोलर कोस्टर राइड जैसा रहा। ओला हालांकि  गलत कारणों से शो स्टॉपर रही लेकिन बजाज और टीवीएस ने मौके का खूब फायदा उठाया। नतीजा टूव्हीलर में इलेक्ट्रिक को मेनस्ट्रीम करने और देश भर में सेल्स और सर्विस नेटवर्क खड़ा करने के लिए बड़ा निवेश करने के बावजूद ओला पहले से तीसरे पायदान पर फिसल गई। लेटेस्ट रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष में 11.49 लाख से ज्यादा इलेक्ट्र्कि टूव्हीलर बिके। भारी उद्योग मंत्रालय का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी के कारण यह बढ़ोतरी संभव हुई है। मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना भी शुरू की है, जिससे ईवी की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लोग इसलिए पसंद कर रहे हैं, क्योंकि सरकार इन्हें बढ़ावा दे रही है। साथ ही नई तकनीक भी आ रही है और लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे हैं। सरकारी डेटा के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में 11,49,334 इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह संख्या 21 परसेंट ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष में 9,48,561 इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके थे। इसी तरह इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (एल5) की सेल्स में भी बढ़ोतरी हुई है। 2024-25 में 1,59,235 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर वाहन बिके, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 1,01,581 था। यह 57 परसेंट की बढ़ोतरी दिखाता है। भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत वाहन पोर्टल पर 10 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और 1,22,982 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर वाहन (एल5) रजिस्टर किए गए हैं। आपको बता दें कि भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव वेहीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना 29 सितंबर 2024 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण बढ़ाना है। इस योजना के लिए सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये का बजट रखा है। यह पैसा दो साल में खर्च किया जाएगा। यह योजना 31 मार्च, 2026 तक चलेगी। इसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 के दौरान हुई सेल्स भी शामिल है जो पिछले वर्ष 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2024 तक के लिए स्टॉपगैप अरेंजमेंट के रूप में लाई गई थी। वित्त वर्ष 2024-25 में दस लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई2डब्ल्यू) को सब्सिडी दी गई। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के अनुसार इस दौरान 1,010,101 इलेक्ट्र्कि टूव्हीलर और 122,982 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (ई3डब्ल्यू) को पीएम ई-ड्राइव योजना के माध्यम से सब्सिडी मिली है। वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर की सेल्स 1.59 लाख यूनिट तक पहुंच गई, जो पिछले साल 1.02 लाख यूनिट से 57 परसेंट अधिक है। केंद्रीय भारी उद्योग और स्टील मिनिस्टर एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि फेम, ईएमपीएस और पीएम ई-ड्राइव जैसी योजनाओं के कारण हुए दस लाख से अधिक ईवी बेचे गए। उन्होंने कहा इससे प्रतिदिन 8.56 लाख लीटर फ्यूल की बचत हुई है और कार्बन डाई ऑक्साइड एमिशन प्रतिदिन 12.48 लाख किलोग्राम की कमी आई है। कुल मिलाकर, इसने 157.73 करोड़ लीटर फ्यूल की बचत की है और कार्बन एमिशन में 230.17 करोड़ किलोग्राम की कमी आई है। पीएलआई ऑटो योजना के लिए 18 कंपनियों ने आवेदन किया है।


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